इंदौर।कई क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले देश के 32 बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मानित किया गया. इसी कड़ी में इंदौर की पलक शर्मा को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद रहीं.
तैराक पलक शर्मा का हुआ सम्मान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का कार्यक्रम
इस बार कोरोना के चलते कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के रूप में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में देश के 32 जिलों से बच्चों का चयन किया गया. इन बच्चों का कला और संस्कृति सहित अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के जरिए चयन किया गया. इसी क्रम में प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से पलक शर्मा जो 13 साल की है, उसका तैराकी में चयन किया गया. पलक शर्मा 8 वर्ष की उम्र से तैराकी कर रही है.
इसके चलते एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पलक को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया. पलक शर्मा वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ीं. इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को कई तरह के मार्ग दर्शन दिए. पलक ने बताया कि किस तरह चुनौतियों का सामना करते हुए इस अवार्ड को प्राप्त किया है. इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े बच्चों से बात भी की.
पीएम मोदी ने वर्चुअली बच्चों से की बात परिजनों और कोच को दिया श्रेय
पीएम मोदी से बात करने के बाद पलक खुसी साझा करते हुए कहा कि जिस तरह से उसे अवार्ड मिला उसकी खुशी काफी दुगनी है. इस खुशी का पूरा श्रेय उसने अपने परिजनों व अपने कोच को दिया. बता दें पलक ने अपने संघर्षों के बारे में भी मीडिया से अनुभव साझा किए. उसका कहना था कि वह इस मुकाम पर पहुंचने के लिए सुबह 4 बजे से प्रैक्टिस करना शुरू कर देती थी. इसके लिए वह अपने पापा को उठाती थी. फिर उनके साथ जाकर स्विमिंग करती थी. वहीं जब उसके पापा को कुछ काम रहता था तो उसकी मम्मी उसे लेकर स्विमिंग क्लास जाती थीं. इन्हीं सब की मेहनत से आज वह इस मुकाम तक पहुंच चुकी है. उसका सपना है कि वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करें और गोल्ड मेडल लेकर आये.
बेटी के संकल्प को पूरा करने में पिता का साथ
पलक के पिता पंकज शर्मा ने कहा कि जिस तरह से उनकी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है. वह काबिले तारीफ है और उनका कहना है कि जब बेटी ने पहली बार उनसे स्विमिंग करने की इच्छा व्यक्त की तो उन्होंने उसे कई तरह के सुझाव भी दिए, लेकिन बेटी का कहना था कि उसे स्विमिंग करना है. इसी में कैरियर बनाना है. उसके संकल्प को देखते हुए उन्होंने पहले अच्छे स्विमिंग क्लास की खोज की. उसके बाद उन्होंने उसे एक अच्छे स्विमिंग क्लास में एडमिशन करवाया. आज उसी का यह परिणाम है कि उसकी मेहनत और लगन के कारण आज उसे अवार्ड से नवाजा गया है. वही पलक के पिता पंकज शर्मा का यह भी कहना है कि उनकी बेटी को कभी किसी बात की तकलीफ ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखा.