इंदौर। शहर में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी, इसके लिए प्रशासन ने तैयारी की है. पहली बार मरीजों की संख्या घटने से 110 टन का बैकअप भी तैयार किया गया है, जबकि प्रतिदिन इंदौर को अब 130 से 150 टन ऑक्सीजन मिल रही है.
इंदौर में खत्म हुआ ऑक्सीजन संकट इंदौर में ऑक्सीजन की उपलब्धता सामान्य हो रही है. फिलहाल इंदौर में प्रतिदिन 110 टन के करीब ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिसका बैकअप भी जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया गया है. इधर शहर के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ने से भी स्थितियां सामान्य हुई हैं. फिलहाल, जामनगर के ऑक्सीजन प्लांट से इंदौर का कोटा 150 टन हो चुका है, जो तीसरी लहर की स्थिति में प्रतिदिन 200 टन के करीब ऑक्सीजन उपलब्ध कराएगा. 12 से अधिक छोटे-बड़े प्लांट हैं, जिनमें ऑक्सीजन का स्टॉक फुल बताया गया है. इसके अलावा इंदौर जिला प्रशासन और खास तौर पर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा तैयार कराए गए ऑक्सीजन टैंकर की संख्या भी 8 से बढ़कर 14 हो चुकी है. वहीं, टैंकरों को लगातार एयरपोर्ट से एयरलिफ्ट करके जामनगर भेजा जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य हो चुकी है.
इंदौर के 25 अस्पतालों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
राज्य सरकार द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर 50 फीसदी की सब्सिडी देने पर कई अस्पताल अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आगे आए हैं. इसमें इंदौर के भंडारी अस्पताल के अलावा अरविंदो अस्पताल, इंडेक्स अस्पताल, सिटी अस्पताल और आनंद अस्पताल अपने-अपने ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं. इसके अलावा तीसरी लहर के पहले आगामी 3 महीने में अन्य अस्पताल मिलकर शहर में करीब 25 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेंगे, जिससे निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अपने स्तर पर ही हो सकेगी.
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ऑक्सीजन की जरूरत भी घटी
इंदौर समेत पीथमपुर में स्थित प्लांट से प्रतिदिन करीब 200 से ज्यादा लोग सिलेंडर भराने आते थे, जो अब नहीं आ रहे हैं. इंदौर जिला प्रशासन और राज्य शासन के सहयोग से निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. फिलहाल ऑक्सीजन की सप्लाई आईनाथ ग्रुप से प्रतिदिन 30 टन इंदौर को हो रही है, जबकि पीतमपुर के दोनों प्लांट से इतनी ही ऑक्सीजन की व्यवस्था पहले से है. जामनगर से 150 टन का कोटा तय होने के बाद अब शहर में मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध है.