इंदौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्के मकान मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अहम कदम उठाया है. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उदघाटन कर नए साल में देश के लाखों लोगों को गिफ्ट दिया था. अब इसी दिशा में पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में 128 करोड़ रुपए खर्च होंगे और 1 हजार से ज्यादा मकान नई तकनीक से बनाए जाएंगे.
इंदौर के गरीबों को मिलेंगे एक हजार नए घर देश के 6 राज्यों को मिलेगा लाभ
इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड और तमिलनाडु में गरीब लोगों को सरकार सस्ते, भूकंप रोधी और मजबूत मकान मुहैया कराएगी. इसमें मध्यप्रदेश का इंदौर भी शामिल किया जाएगा. जहां 128 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
विदेशी तकनीक से बनेंगे मकान
एक जनवरी को अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में 365 दिनों में 1 हजार मकान बनेंगे. पीएम ने कहा कि इसका मतलब ये है कि रोजाना ढाई से तीन मकान बनेंगे. साथ ही पीएम ने कहा था कि इन सभी प्रोजेक्ट के लिए विदेशी तकनीक का सहारा लिया गया है.
MP में अबतक एक लाख 24 हजार से ज्यादा आवास स्वीकृत
योजना के तहत 6 राज्यों के अलग-अलग शहरों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया के तहत हल्के मकान बनाने की परियोजना से जुड़ी आधारशिला रखी हैं. इस परियोजना में पहली बार ईंट गारे और सीमेंट कांक्रीट के बगैर हल्के और प्रीफैबरीकेटेड मकान तैयार किए जाएंगे. दरअसल मध्यप्रदेश में 378 नगरी निकायों के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक एक लाख 24 हजार से ज्यादा आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं. इनमें से तीन लाख मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है. जबकि 2 लाख आवास का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इनमें से एक लाख आवास आवंटित कर दिए गए हैं. इंदौर में इस योजना के लागू होने के बाद 128 करोड़ रुपए की लागत से नवीन तकनीक पर आधारित 1000 से अधिक मकान बनाए जाएंगे.
अलग-अलग राज्यों में अलग तकनीक
इस प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में प्रीफैबरीकेटेड सेंडविच पैनल सिस्टम, राजकोट में टनल फ्रॉम वर्क के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट कंस्ट्रक्शन, चेन्नई में प्रीकास्ट कंकरीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम, रांची में 3D वॉल्यूमैट्रिक प्रीकास्ट कंकरीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम, अगरतला में लाइट गेज स्टील इन्फील पैनल और लखनऊ में पीवीसी स्टे इन प्लेस फ्रॉम वर्क सिस्टम के जरिए आवास निर्माण किया जाएगा.
भूकंपरोधी होंगे सभी मकान
इस प्रोजेक्ट में खास बात ये है कि फैक्ट्री से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है. इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है. इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे.
क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट?
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और गुजरात हैं. लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय वातावरण और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए पक्के मकान प्रदान किए जाते हैं.