इंदौर।कोरोना महामारी के कारण किए गए लॉकडाउन के चलते बीते 3 महीने से स्कूल बंद हैं, लेकिन इसके बाद भी स्कूलों द्वारा पूरी फीस मांगी जमा करने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन सरकार ने आदेश जारी कर लॉक डाउन के दौरान ट्यूशन फीस के अलावा किसी तरह की अतिरिक्त फीस लेने पर रोक लगाई है. यह आदेश अब स्कूलों के अलावा प्रदेश के कॉलेजों पर भी लागू किया जाएगा. जो भी स्कूल या कॉलेज अतिरिक्त फीस वसूली करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लॉकडाउन के दौरान ट्यूशन फीस के अलावा नहीं देना होगा कोई शुल्क: शिवराज सिंह
कोरोना महामारी के कारण किए गए लाकडाउन के चलते बीते 3 महीने से स्कूल बंद हैं. लेकिन इसके बाद भी स्कूलों द्वारा पूरी फीस मांगी जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने आदेश जारी कर लॉक डाउन के दौरान ट्यूशन फीस के अलावा किसी तरह की अतिरिक्त फीस लेने पर रोक लगाई है.
मार्च महीने से लॉक डाउन होने के कारण स्कूल बंद हैं, लेकिन स्कूल छात्रों के अभिभावकों से पूरी फीस वसूली कर रहे थे. फीस जमा न करने पर स्कूल प्रबंधकों की तरफ से बच्चों को स्कूल से बाहर निकालने अथवा उनका प्रवेश निरस्त करने जैसी चेतावनी दी जा रही थी. जिससे बच्चों के अभिभावक खासे परेशान हैं. कई निजी स्कूलों की फीस अत्यधिक होने से अभिभावक भी यह फीस भरने में असमर्थ हैं.
यह सवाल इंदौर में आयोजित प्रेस वार्ता में भी उठाया गया. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में सिर्फ ट्यूशन फीस जमा करने की अनिवार्यता संबंधी आदेश लागू किया गया है. कोई भी स्कूल संचालक लॉक डाउन की अवधि में ट्यूशन फीस से अधिक राशि किसी भी छात्र-छात्रा से नहीं ले पाएंगे. उन्होंने बताया स्कूल कब खुलेंगे, यह अभी तय नहीं है. जून के मध्य में स्कूलों को लेकर समीक्षा की जाएगी. इसके बाद जुलाई माह में हालात सामान्य होने पर ही एवं कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के बाद ही स्कूलों को खोला जा सकेगा.