इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) में शनिवार को तक्षशिला परिसर में स्थित ई.एम.आर.सी. विभाग में बैठक आयोजित की गई. बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने विभागाध्यक्षों के साथ चर्चा की. बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय जीवन और क्षेत्रों में किए जा रहे शोध एवमं परियोजनाओं को बढ़ावा देना था.
कुलपति ने दी कामों की जानकारी
बैठक में कुलपति प्रोफेसर रेणु जैन ने विश्वविद्यालय से संबद्ध जनजातीय जिलों, महाविद्यालयों और विद्यार्थियों के बारे में जानकारी दी. साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में किए जा रहे कार्यों का संक्षिप्त विवरण दिया. इसके बाद अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के प्रोफेसर कन्हैया आहूजा ने विभाग द्वारा जनजातीय क्षेत्र में किए जा रहे शोध की विस्तृत जानकारी प्रदान की. इस क्षेत्र में अर्थशास्त्र अध्ययनशाला द्वारा वर्तमान में लगभग 10 प्रोजेक्ट्स पर शोध कार्य चल रहा है.
शिक्षक का काम शोध में सहायता करना
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि, शिक्षक का कार्य खोज में सहायता करना है न कि रटी रटाई पद्धति से शिक्षा प्रदान करना, हमें मल्टी डिस्प्लेनरी अप्रोच अपनानी होगी. विशेष तौर पर जनजातीय समाज की शिक्षा के बारे में किस तरह की शिक्षा डिजाइन की जाए, विश्वविद्यालयों को इस पर चिंतन करना होगा.
एनसीएसटी अध्यक्ष ने डीएवीवी के कार्यों की जानकारी ली, इन विषयों पर की चर्चा - news in hindi
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) में के ई.एम.आर.सी. विभाग में बैठक आयोजित की गई. बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने विभागाध्यक्षों के साथ चर्चा की. बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय जीवन और क्षेत्रों में किए जा रहे शोध एवमं परियोजनाओं को बढ़ावा देना था.
डीएवीवी
अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय इस विषय पर एक शोध प्रस्ताव बना कर आयोग को भेजे. आयोग इस पर एक शोध पीठ स्थापित करने पर विचार करेगा. बैठक में कई विभागाध्यक्षों ने अपने विचार रखे.