इंदौर।देश में स्वच्छता को लेकर मिसाल बन चुका इंदौर एक बार फिर कचरे से सीएनजी तैयार करने को लेकर चर्चा में है. यहां एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट के शुरू होने से प्रतिदिन शहर की 400 सिटी बसें चलाने की तैयारी की गई है. इस प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं. प्लांट को लेकर ईटीवी भारत ने सीएनजी प्रोजेक्ट की सूत्रधार और इंदौर नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल से बात की. उनका कहना है कि इस अनूठे प्रोजेक्ट के जरिए न केवल कचरे की प्रोसेसिंग होगी. बल्कि रॉयल्टी मिलने के साथ शहर को पर्यावरण की दृष्टि से भी फायदा होगा. (Indore Municipal Corporation Commissioner Pratibha Pal interview)
सवाल:एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट किस तरह से काम करेगा और इस प्लांट के माध्यम से शहर को लेकर क्या योजना है ?
जवाब: एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट से शहर का न केवल 600 टन कचरा प्रोसेस होगा, बल्कि उससे उल्टे नगर निगम को सालाना ढाई करोड़ रुपए की आय होगी. इस प्लांट में जो सीएनजी बनेगी, उससे शहर की 400 डीजल बसें सीएनजी से चलाई जा सकेंगी. लिहाजा कचरे की प्रोसेसिंग उससे मिलने वाली रॉयल्टी और पर्यावरण इन तीन तरह से शहर को बड़ा फायदा होगा. (indore cng plant)
सवाल:लगातार पांच साल से स्वच्छता में पहले नंबर पर आने वाला इंदौर शहर आखिर पहले नंबर के लिए खुद को सस्टेन कैसे कर पाता है ?
जवाब: देश के पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में स्वच्छता को आदत बनाने की जो बात कही गई थी, उसे इंदौर के लोगों ने अपना व्यवहार बना लिया है. यहां के लोगों ने स्वच्छता को आदत के रूप में अपनाया. 2015-16 से अब तक यहां स्वच्छता को लेकर जो-जो टारगेट निर्धारित किए गए- चाहे वह कचरे का पहाड़ हटाना हो या शहर को सीवर नेटवर्क से जोड़ना हो या शहर को वाटर प्लस का दर्जा दिलाने जैसा हो शहर के लोगों ने स्वच्छता के हर अभियान में बढ़-चढ़कर साथ दिया है. यही वजह है कि स्वच्छता के तमाम मापदंडों में इंदौर हर साल खुद को नए सिरे से प्रमाणित करता है. (indore garbage processing unit)