इंदौर।कोरोना के झटके ने उद्योगों की व्यवस्था ध्वस्त कर दी थी. अब मध्य प्रदेश के उद्योग कोरोना काल के बाद एक बार फिर संभालने को तैयार हैं. उद्योगों की गतिविधियां एक बार फिर शुरू हो गई हैं. लेकिन स्वतंत्र रूप से अपना माल बनाकर बेचने वाले उद्योग अभी भी लॉकडाउन डाउन के दौरान उपजी परेशानियों से जूझ रहे हैं. जबकी औद्योगिक क्षेत्रों में अलग-अलग उत्पाद तैयार कर बड़ी कंपनियों को सप्लाई करने वाले छोटे उद्योग तो किसी तरह चल रहे हैं.
किसी उद्योग का कच्चा माल महंगा हो चुका है तो कोई बढ़ी हुई दरों पर उत्पाद ग्राहक को देने की स्थिति में नहीं है, लिहाजा कई उद्योगों का उत्पादन अभी भी सामान्य नहीं हो पा रहा है. इधर कोरोना के लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने उद्योगों को ईएमआई के ब्याज पर जो छूट दी थी. अब बैंकिंग सेक्टर द्वारा उसकी ब्याज वसूली हो रही है.
पुराने काम निपटाने में जुटे उद्यमी
लॉकडाउन के दौरान उद्योगों को जो नुकसान हुआ, उसे लेकर राज्य शासन के स्तर पर कोई भी मदद नहीं मिली है. स्थिति यह है कि जो काम उद्योगों को मिला हुआ है. उसी को करके उद्यमी जैसे तैसे कामकाज को पटरी पर लाने में जुटे हैं.
महंगा हुआ कच्चा माल
उद्योग का कच्चा माल महंगा हो चुका है, तो कोई बढ़ी हुई दरों पर तैयार उत्पाद को बेच पाने की स्थिति में नहीं है. लिहाजा कई उद्योगों का उत्पादन अभी भी सामान्य नहीं हो पा रहा है. इधर कई महीनों तक औद्योगिक इकाइयां बंद रहने के कारण उनमें वित्तीय संकट की स्थिति गहरा रही है. उद्योगों ने जो माल लॉकडाउन के पहले तैयार करके भेजा था, उसका भुगतान भी अब तक नहीं हो सका है.