Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE:मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है. बात की जाए इंदौर की महू सीट की तो यहां से भाजपा प्रत्याशी उषा सिंह ठाकुर आगे चल रही हैं. कांग्रेस ने यहां से राम किशोर शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है. उषा सिंह ठाकुर, कांग्रेस प्रत्याशी राम किशोर शुक्ला पर भारी पड़ती दिख रही हैं.
इंदौर। डॉ. अंबेडकर नगर महू विधानसभा सीट इंदौर जिले की प्रमुख विधानसभा है, जो आर्मी कंटेनमेंट बोर्ड के अलावा जिले की ग्रामीण आबादी के समावेश से अस्तित्व में आई है. यहां से 2018 के चुनाव में राज्य की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर चुनाव जीती थी, इस बार भी पार्टी ने उन्हें भाजपा उम्मीदवार के रूप में फिर मौका दिया है. हालांकि कांग्रेस ने इस बार पुराने प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार के स्थान पर रामकिशोर शुक्ला को मौका दिया है, जिसके कारण कांग्रेस खेमे को कहीं ना कहीं भीतर घाट का सामना करना पड़ सकता है. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण यहां अंतर सिंह दरबार निर्दलीय मैदान में है. माना जा रहा है कि अंतर सिंह दरबार की दावेदारी के कारण इस बार फिर उषा ठाकुर की राह आसान हो सकती है.
डॉ अंबेडकर नगर महू विधानसभा सीट के सियासी समीकरण:डॉ अंबेडकर नगर महू विधानसभा सीट से 2018 में भाजपा की उषा ठाकुर को 97,009 वोट मिले थे, जबकि अंतर सिंह दरबार को 89,852 वोट ही मिल पाए थे. उस दौरान अंतर सिंह दरबार 7,157 वोटों से चुनाव हार गए थे. वहीं 2013 में यहां अंतर सिंह दरबार को भाजपा उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय ने 12,216 वोटों से हराया था. उस दौरान कैलाश विजयवर्गीय को 89,848 वोट मिले थे, जबकि अंतर सिंह दरबार को 77,632 वोट ही मिल पाए थे. इसके अलावा 2008 के चुनाव में भी कैलाश विजयवर्गीय और अंतर सिंह दरबार के बीच ही मुकाबला था, जिसमें कैलाश विजयवर्गी को 67,192 वोट मिले थे, जबकि अंतर सिंह दरबार को 57,401 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
डॉ अंबेडकर नगर महू विधानसभा सीट की समस्याएं: कहा जा रहा है कि उषा ठाकुर का भी क्षेत्र में विकास नहीं होने एवं कार्य नहीं हो पाने के अलावा विधायक की स्थानीय स्तर पर उपलब्धता नहीं होने जैसी समस्याओं के कारण विरोध की स्थिति है. हालांकि उषा ठाकुर का मानना है कि उन्होंने महू विधानसभा क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य कराए हैं और कहीं भी विरोध अथवा नाराजगी जैसी स्थिति नहीं है. ये बात अलग है कि बीते दिनों उन्हें अपनी ही विधानसभा के कार्यक्रम में मतदाताओं द्वारा नाराजगी जताई जाने के कारण सड़क के मुहूर्त का कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा था.