MP Poor Health System: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के खस्ता हाल, चूहों की भरमार के बाद अब सांप की दस्तक - इंदौर एमवाय हॉस्पिटल
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (इंदौर एमवाय हॉस्पिटल) के हाल बेहाल हैं. चूहों की भरमार के बाद अब यहां सांपों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है, जिससे अब मरीजों को चूहों और सांपों के कारण फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है.
चूहों की बाद अब अस्पताल में सांप की दस्तक
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Published : Aug 11, 2023, 7:56 PM IST
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Updated : Aug 11, 2023, 8:07 PM IST
चूहों की भरमार के बाद अब अस्पताल में सांप की दस्तक
इंदौर। प्रदेश के मेडिकल हब कहे जाने वाले इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में यूं तो हर साल करोड़ों की स्वास्थ सुविधाएं और संसाधन विकसित करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन आलम यह है कि अस्पताल के हर वार्ड और ऑपरेशन थियेटरों में इन दिनों चूहों का डेरा है. लिहाजा आए दिन निकल रहे चूहों के कारण अब यहां सांप भी निकल रहे हैं, फिलहाल डॉक्टरों ने चूहों के जरिए प्लेग की बीमारी फैलने और सांपों के कारण मरीजों को खतरा होने की आशंका जताई है.
अस्पताल में चूहों के बाद सांप की एंट्री:दरअसल एमवाय अस्पताल (महाराजा यशवंत राव अस्पताल)में शाम होते ही अस्पताल के विभिन्न वार्ड और ऑपरेशन थिएटर आदि में चूहों की बढ़ती संख्या के कारण धमाचौकड़ी शुरू हो जाती है, तलघर के अलावा ऊपरी मंजिल में सर्वाधिक चूहे बताए जा रहे हैं. अब अस्पताल के ऑब्जरवेशन रूम नंबर 3 में सांप निकलने का मामला सामने आया है, जो कॉमन सेंड बोआ प्रजाति का बताया गया है. सांप निकलने का वीडियो मौके पर ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों ने बनाया है और चूहों के बाद अब सांप निकलने के कारण डॉक्टरों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं के खिलाफ खासी नाराजगी जताई है.
फिलहाल इस मामले की शिकायत जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अस्पताल प्रशासन से की है, हालांकि अस्पताल प्रशासन अब पूरे मामले को देखकर जांच का हवाला दे रहा है. इस मामले में एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर पीएस ठाकुर का कहना है कि "अस्पताल परिसर में सांप निकालने जैसी सूचना फिलहाल मुझे नहीं मिली है, लेकिन अगर इस तरह का कोई मामला है तो दिखाकर उसकी जांच करेंगे."
50 लाख खर्च लेकिन चूहे यथावत:एमवाय में चूहों से मुक्ति के लिए पेस्ट कंट्रोल एजेंसी के जरिए अभियान भी चला गया था, इस दौरान करीब 50 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी, लेकिन चूहे अब भी दुगनी संख्या में अस्पताल में मौजूद हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ एमवाय अस्पताल की मेन बिल्डिंग में यह हो, बल्कि कैंसर अस्पताल के अलावा अस्पताल परिसर में मौजूद मनोरोग चिकित्सालय और बच्चों के चाचा नेहरू अस्पताल में भी चूहों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
गौरतलब है 2 साल पहले भी अस्पताल में चूहों ने अस्पताल में भर्ती नवजात बच्चे की एड़ी और अंगूठे को कुतर दिया था, जो अस्पताल में एडमिट था. इस मामले में हंगामा मचने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन चूहों के खिलाफ जांच कमेटी की रिपोर्ट आज तक नहीं आई. अब स्थिति यह है कि चूहों के शिकार के लिए अस्पताल में सांप भी पहुंचने लगे हैं, डॉक्टरों के मुताबिक "अस्पताल में जहां चूहों की संख्या ज्यादा है, वहां सांपों का भी खतरा बढ़ गया है." इस मामले की जानकारी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने अस्पताल प्रशासन को दी है, इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि नए सिरे से यहां चूहों के खिलाफ अभियान चला जाएगा.
अस्पताल में चूहों का इतिहास:ऐसा नहीं है कि एमवाय अस्पताल में चूहों की संख्या अभी बड़ी हो, दरअसल यहां चूहे कई दशकों से हैं. 1994 में तत्कालीन कलेक्टर सुधी रंजन मोहंती ने अस्पताल में चूहे मारने का अभियान चलाया था, 5 हफ्ते तक चले इस अभियान की उस समय पूरे देश भर में चर्चा हुई थी. 2014 में फिर यह स्थिति बनी जब तत्कालीन संभागायुक्त संजय दुबे के मार्गदर्शन में चूहों को मारने का अभियान चला, जिसमें लाखों रुपए खर्च करके पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था की गई. हालांकि चूहे सैकड़ों की संख्या में ही मारे जा सके, अब जबकि फिर चूहों के कारण परेशानी बढ़ रही है तो उम्मीद है कि इस मामले में अब जल्द ही कोई कार्रवाई की जा सकती है.