इंदौर।दुनियाभर में योग्य और ट्रेंड मैनपावर की बढ़ती जरूरत के चलते अब देश की शिक्षा नीति भी रोजगार मूलक बनाई जा रही है. इसके अलावा भारतीय शिक्षा को वैश्विक शिक्षा चुनौतियां के अनुसार कैसे उपयोगी बनाया जाए. इसे लेकर अब केंद्र और राज्य सरकार प्रमुख शिक्षाविदों के साथ मंथन कर रही है. इंदौर में इसे लेकर संस्थागत नेतृत्व समागम विषय पर देश के तमाम प्रमुख शिक्षाविद चर्चा कर आगामी रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस अवसर पर आज केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया इस दौरान राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी मौजूद थे. (Now focus on quality education in country) (National churning on new education policy Indore)
भविष्य की शिक्षा पर तैयार हो रहा है प्रारूपः पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बताया देश के शिक्षा संस्थानों का भविष्य आधारित स्वरूप क्या हो. इसके अलावा नई शिक्षा नीति लागू किए जाने पर शिक्षण संस्थानों की अपेक्षा क्या है. इसके अलावा आगे किस दिशा में शैक्षणिक लक्ष्य हासिल किए जाने हैं, इसे लेकर इंदौर में दो दिनी मंथन किया जा रहा है. उन्होंने कहा अब विदेश के विश्वविद्यालय भी भारत में और मध्यप्रदेश में आना चाहते हैं. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बनाए रखने के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों के आने पर शिक्षा की चुनौतियां क्या रहेंगी इस पर सरकार फोकस कर रही है. उन्होंने बताया राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन शुरू होने के साथ ही एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट इंडस्ट्रियल एकेडमिक लिंकेज रिसर्च एवं इनोवेशन पर अब विश्वविद्यालयों में फोकस किया जाएगा. इसको लेकर सरकार गंभीर है. (Draft is being prepared on future education