इंदौर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एक फार्मेसी मालिक के खिलाफ दर्ज 4 साल पुरानी FIR को रद्द कर दिया है. फार्मेसी मालिक पर आरोप था कि उसने सोशल मीडिया पोस्ट में एक जोड़े की गरबा करते तस्वीर के साथ मुफ्त कंडोम और प्रेगनेंसी किट का ऑफर दिया था, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई थी. ये मामला 10 अक्टूबर, 2018 का है जब महेंद्र त्रिपाठी नाम के फार्मेसी मालिक के खिलाफ इंदौर के भवरकुआं थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मामला चलाना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग:हाईकोर्ट की इंदौर बेंच मेंइस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि- "मामले को जारी रखने की अनुमति देने से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.
ये था मामला:फार्मेसी मालिक महेंद्र त्रिपाठी 2018 में 38 वर्ष के थे और उन्होंने गरबा की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, "प्री-लवरात्रि वीकेंड ऑफर- कंडोम (3 का पैक) / प्रेगनेंसी किट INR 0 पर". त्रिपाठी ने ये पोस्ट सेल्स प्रमोशन के लिये किया था. इस पोस्ट के बाद एक निवासी ने फार्मेसी मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर उनके खिलाफ IPC के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. बाद में त्रिपाठी ने पोस्ट को डिलीट कर दिया और गलती न दोहराने का वादा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांगी. इसके बाद उन्होंने प्राथमिकी और उसके बाद की कार्यवाही को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया.