मध्यप्रदेश में बीजेपी के ये दिग्गज नेता बने 'लखपति विजेता', जानिए कैसे किया ये करिश्मा
Candidates Won More Than One Lakh : मध्य प्रदेश में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की. वहीं इस जीत में सबसे बड़ी लीड जिन तीन विधायकों की है, उन्हें अपने क्षेत्र में मतदाताओं ने एक लाख से ज्यादा वोट से जिताया है. ये तीनों दिग्गज अपने क्षेत्र में खासे लोकप्रिय हैं. क्योंकि विधानसभा चुनाव में इस अंतर से जीतना किसी करिश्मे से कम नहीं है. आइए जानते हैं इन नेताओं ने कैसे ये करिश्मा कर दिखाया.
मध्यप्रदेश में बीजेपी के ये दिग्गज नेता बने 'लखपति विजेता'
इंदौर।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में इंदौर के रमेश मेंदोला, भोपाल की कृष्णा गौर और सीहोर जिले की बुधनी सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 लाख वोट की लीड का रिकॉर्ड बनाया है. अब इस बात पर चर्चा छिड़ी है कि हर चुनाव में इन दिग्गजों को इतने बंपर वोट क्यों मिलते हैं. इंदौर की दो नंबर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले रमेश मेंदोला 107047 वोटों से जीते. जो मध्य प्रदेश विधानसभा 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम के हिसाब से सर्वाधिक है. रमेश मेंदोला ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भी 71000 से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी. उस चुनाव के दौरान भी सर्वाधिक वोट उन्हें ही मिले थे. इसके पूर्व 2013 के चुनाव में भी कैलाश विजयवर्गीय 91000 वोटों से जीते थे, जो सर्वाधिक थे हालांकि मेंदोला 2008 से विधायक हैं. Candidates Won More Than One Lakh
यह है सर्वाधिक लीड का कारण :दरअसल, बीजेपी के रमेश मेंदोला अपने विधानसभा क्षेत्र में दादा दयालु के नाम से चर्चित हैं. रमेश मेंदोला को उनके क्षेत्र की जनता इसलिए भी समर्थन करती है क्योंकि वह मौका पड़ने पर हर किसी के काम आते हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र के गरीब से गरीब मतदाता की अपने विधायक तक सीधी पहुंच है. इसके अलावा वे मतदाताओं की जरूरत पड़ने पर हमेशा मदद करते हैं. मेंदोला की विधानसभा सीट पर पहले कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ते थे, लेकिन राजनीतिक समीकरणों के कारण फिलहाल इस सीट पर पिछली चार बार से रमेश मेंदोला विधायक चुने गए हैं. लिहाजा, कैलाश विजयवर्गीय के कार्यकर्ताओं के अलावा विधानसभा सीट के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पार्षदों की लंबी फौज रमेश मेंदोला के साथ होती है, जिसका लाभ मेंदोला को हर चुनाव में मिलता है. Candidates Won More Than One Lakh
बाबूलाल गौर की विरासत संभाली कृष्णा गौर ने :बीजेपी की कृष्णा गौर ने 106335 वोट से जीत हासिल की. जो मेंदोला के बाद सर्वाधिक बड़ी लीड है. इस सीट पर जनसंघ का बोलबाला रहा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की ये कर्मभूमि रही है. यह सीट हमेशा बाबूलाल गौर को ही अपना विधायक चुनती रही है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर फिलहाल अपने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक विरासत संभाल रही हैं. भोपाल में गोविंदपुरा विधानसभा सीट ऐसी है, जहां दशकों से बाबूलाल गौर चुनाव जीते. भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित कही जाने वाली यह सीट अभी भी गौर परिवार को ही अपना प्रतिनिधि चुनती रही है. जनसंघ के जमाने से जब बाबूलाल गौर ने यहां से काम शुरू किया था तभी से उनका गोविंदपुरा विधानसभा सीट के तमाम मतदाताओं से खास लगाव था. इसके अलावा भी इंटक के प्रतिनिधि रहे. इसके अलावा उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश में उदय के शुरुआती दौर से तमाम मुख्यमंत्री के साथ इसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. Candidates Won More Than One Lakh
सीएम शिवराज की सीट बुधनी :मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 104974 की लीड मिली. जो सर्वाधिक मतों से जीतने के हिसाब से तीसरे नंबर पर हैं. शिवराज सिंह चौहान लगातार 18 सालों से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, जो अपनी बुधनी विधानसभा सीट पर सबसे लोकप्रिय प्रतिनिधि हैं. शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट के बाद बुधनी विधानसभा सीट को अपना कर्म क्षेत्र बनाया. उन्होंने मुख्यमंत्री रहने के पहले इस विधानसभा सीट के एक-एक गांव में पैदल यात्रा की. यहां पर उन्हें पांव पांव वाले शिवराज के नाम से भी जाना जाता है. बुधनी विधानसभा सीट पर में किरार मतदाताओं की संख्या भी बहुत है. इसके अलावा शिवराज की हर गांव में सीधी पकड़ है. वहीं किसी भी वर्ग के मतदाता पर शिवराज के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी का इतना वर्चस्व है कि वह शिवराज को ही एकतरफा विजय दिलाते आए हैं, इसके अलावा शिवराज ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई है. इसका लाभ भी उन्हें मतदान के रूप में मिलता है. वहीं क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री चुने जाने के कारण भी शिवराज को समर्थन देती आई है.