इंदौर।बीते कुछ दिनों से लगातार दक्षिणी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव के साथ आंधी, बारिश व ओलावृष्टि के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं. कृषि विशेषज्ञ भी अब बूंदाबांदी और बारिश से प्रभावित हुई फसल को बचाने की अपील कर रहे हैं. गौरतलब है हाल ही में मंदसौर, नीमच, रतलाम के अलावा इंदौर में धूलभरी आंधी और बूंदाबांदी के साथ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है. जिससे फसलों को कहीं ज्यादा तो कहीं आंशिक असर हुआ है. इधर, उद्यानिकी फसलों के भी तैयार हो जाने के कारण उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर रखने की सलाह दी जा रही है.
फसलों में 50 फीसदी तक नुकसान :दरअसल, अंचल में गेहूं, चना और सरसों की कटाई लगभग हो चुकी है. कुछ इलाकों में देर से बोई गई फसल खेतों में मौजूद है. जिसके कारण कुछ स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि से फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इसके अलावा मंदसौर के मल्हारगढ़, सीतामऊ और गरोठ में 4, 5 और 6 मार्च को हुई ओलावृष्टि से अफीम के अलावा गेहूं, अलसी, धनिया, सरसों और मैथी की फसल को 50 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ है. हालांकि कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि ओलावृष्टि और बारिश से जो फसल आड़ी हुई है, उसमें भी नुकसान के आसार हैं.