मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP Board Exam : महिला दिव्यांग दृष्टिबाधित 32 साल की गुरदीप पर रहेंगी निगाहें

मध्यप्रदेश में 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में इस बार इंदौर निवासी 32 वर्षीय गुरदीप कौर वासु सबसे खास हैं. गुरदीप वासु श्रवण, मूकबधिर और नेत्रहीन महिला हैं, लेकिन उनकी शारीरिक अक्षमताएं उन्हें पढ़ाई और लक्ष्य निर्धारित करने से रोक नहीं पाई हैं. पढ़ाई के प्रति उनकी लगन देखकर हर कोई दंग है. महत्वपूर्ण परीक्षाओं में शामिल होने वाली किसी भी अन्य छात्रा की तरह वह भी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उज्ज्वल भविष्य के सपने देखती हैं.

MP Board Exam
महिला दिव्यांग दृष्टिबाधित 32 साल की गुरदीप पर रहेंगी निगाहें

By

Published : Feb 27, 2023, 8:25 PM IST

इंदौर(Agency, PTI)।इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) मंगेश कुमार व्यास ने सोमवार को बताया कि गुरदीप वासु ने 10वीं कक्षा की परीक्षा में एक निजी उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया था. व्यास ने कहा कि एक मूक, बधिर और दृष्टिबाधित हाई स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा के लिए उपस्थित होगी. गुरदीप वासु एक होनहार छात्रा हैं और उसने परीक्षा के लिए बहुत तैयारी की है. उन्होंने कहा कि अध्ययन के दौरान सीखे गए ज्ञान को परीक्षा के दौरान उनकी उत्तर पुस्तिका में दर्ज किया जाता है. दिव्यांगों (विकलांग व्यक्तियों) के लिए काम करने वाली एक एनजीओ (गैर-सरकारी संस्था) आनंद सर्विस सोसाइटी ने उसे परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए विशेष कक्षाएं संचालित कीं.

एनजीओ ने की काफी मदद :एनजीओ की सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ और निदेशक मोनिका पुरोहित ने कहा कि गुरदीप वासु दबाव डालकर लोगों से संवाद करती हैं. उनके हाथ और उंगलियां, और उनके साथ संवाद करने के लिए एक ही विधि का उपयोग किया जाता है. भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के सांकेतिक भाषा में जवाब देते हुए गुरदीप वासु ने कहा कि वह एक कार्यालय में कंप्यूटर से संबंधित नौकरी पाने की इच्छा रखती हैं. कक्षा 10वीं की परीक्षा के लिए विशेष विषयों के रूप में सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, चित्रकला और विज्ञान लिए हैं. उनकी बहन हरप्रीत कौर वासु (26) ने उन्हें परीक्षा की तैयारी में मदद की.

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

गुरदीप की मां ने ये बताया :एनजीओ के सदस्य बताते हैं "वह हमेशा इस बात पर जोर देती है कि कक्षा में उसे पढ़ाए जाने वाले पाठ को ब्रेल की मदद से घर पर दोहराया जाए. शिक्षा के प्रति उसका जुनून मुझे उसके ट्यूटोरियल के बाद अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता है. गुरदीप वासु समय से पहले पैदा हुई थी और उसके बाद काफी समय तक अस्पताल में रही. उसकी मां मनजीत कौर ने कहा, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण जब वह पांच महीने की थी, तब उसके परिवार को पता चला कि वह बोल, सुन या देख नहीं सकती. मनजीत कौर ने आरोप लगाया कि उसके बाद डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी बेटी पीड़ित है. मनजीत कौर ने कहा कि गुरदीप वासु की इच्छा थी कि वह आम बच्चों की तरह हर दिन स्कूल जाए, लेकिन विशेष बच्चों के लिए शहर में कोई शिक्षण संस्थान नहीं था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details