इंदौर। कोरोना काल के बाद आर्थिक मंदी से जूझ रहे मध्यप्रदेश के उद्योगों में औद्योगिक गतिविधियां फिर तेज हो सके इसके लिए प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में आईआईएम (IIM) इंदौर का मैनेजमेंट फार्मूला और रणनीति अपनाई जाएगी. इस दिशा में पहली बार IIM इंदौर और एमपीआईडीसी(मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम) के बीच एक एमओयू साइन हुआ है, जिसके फलस्वरूप अब IIM इंदौर के प्रबंध की निर्देशन में मध्यप्रदेश के उद्योगों और औद्योगिक विकास के लिए प्रबंध की रणनीति और कौशल का साझा उपयोग किया जाएगा.
औद्योगिक विकास में लागू होगा IIM का मैनेजमेंट फार्मूला, हुआ अनुबंध
औद्योगिक विकास की दृष्टि से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए IIM इंदौर और एमपीआईडीसी के बीच एमओयू साइन हुआ है. जिसके तहत औद्योगिक इकाइयों में आईआईएम (IIM) इंदौर का मैनेजमेंट फार्मूला और रणनीति अपनाई जाएगी.
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार कोरोना के बाद राज्य की रोजगार और औद्योगिक गतिविधियां बढ़ाने की कोशिशों में जुटी हुई है जिससे कि अन्य आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी लाई जा सके. इस कड़ी में IIM और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग मप्र अब मिलकर औद्योगिक विकास में प्रबंध की व्यवस्था लागू करेंगे. इतना ही नहीं अब दोनों संस्थान मिलकर प्रदेश को औद्योगिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोजेक्ट रिसर्च पॉलिसी एडवाइज और ट्रेनिंग साझा करेंगे, इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारी प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फाइनेंस इन प्राइवेट फंडिंग पीपीपी प्रोजेक्ट व नेगोशिएशन के गुर भी सीखेंगे, जिससे कि भविष्य में इस प्लानिंग को औद्योगिक विकास एवं नीतियों में लागू किया जा सके.
दरअसल लंबे समय से मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रयासरत शिवराज सरकार राज्य की देश के अन्य प्रांतों में औद्योगिक दृष्टि से ब्रांडिंग नहीं कर पा रही है. इसके अलावा बीते सालों में राष्ट्रीय स्तर एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की गई कोशिशों के बावजूद मनमाफिक औद्योगिक निवेश ला पाने में सफल नहीं हो सकी है. ऐसे में अब सरकार की कोशिश है कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की कोशिशों में प्रबंधकीय कौशल और फार्मूला अपनाया जाए, जिससे कि मध्यप्रदेश का औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों में उपयोग में लाए जाने वाले प्रबंधकीय कौशल का आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में उपयोग कर सकें