इंदौर। मां एक ऐसा शब्द है, जिसके व्यापकता की थाह कोई नहीं लगा सका है. मां शब्द में पूरी दुनिया समाहित हो जाती है. या यूं कहें कि बच्चों के लिए मां ही उसकी पूरी दुनिया होती है, लेकिन समय के साथ-साथ ये रिश्ते भी बेमानी साबित होने लगे हैं और मां शब्द के मायने भी बदलने लग गए हैं. अब इस शब्द से क्रूरता-निर्दयता की बू आती है क्योंकि 9 महीने तक अपने बच्चे को गर्भ में पालने वाली मां आखिर प्रसव के बाद हत्यारिन क्यों बन गई.
भले ही कलयुगी मां अपने जिगर के टुकड़े को मौत के मुंह में फेंक गयी थी, लेकिन कहते हैं कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय, यही हुआ उस मासूम के साथ और मासूम के पास मौत पहुंचती, उससे पहले ही वहां चंदन नगर के लोग वहां फरिश्ता बनकर पहुंच गये और बोरी में बंधे नवजात को 108 की मदद से अस्पताल पहुंचाया. जब स्थानीय लोग बच्चे के पास पहुंचे.