इंदौर। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शोषण और दमन का शिकार होकर भारत में बसने की ख्वाहिश रखने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब जल्द ही भारत की नागरिकता मिल सकेगी. दरअसल हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारत के पांच राज्यों के 13 जिलों में रहने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की स्वीकृति दी है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले से मध्य प्रदेश में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे करीब 25000 से ज्यादा लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.
25000 से अधिक शरणार्थियों को मिलेगा लाभ
दरअसल, देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश में करीब 25000 से ज्यादा ऐसे शरणार्थी हैं, जो 31 दिसंबर 2014 के पहले से लॉन्ग टर्म वीजा पर देश के विभिन्न राज्यों के अलावा मध्यप्रदेश के इंदौर आदि शहरों में रह रहे हैं. इनमें हिंदुओं के अलावा बौद्ध, ईसाई, सिख आदि लोग हैं, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में होने वाले अत्याचार और दमन के अलावा धर्म परिवर्तन और शोषण के शिकार होने के कारण अपना घर बार छोड़कर भारत की नागरिकता चाहते हैं.
नागरिकता की पहले थी जटिल प्रक्रिया
भारत सरकार के फैसले के पहले भी ऐसे तमाम लोगों के लिए मध्यप्रदेश में भी व्यापक प्रयास किए गए. इसे लेकर पहले जो प्रक्रिया थी, उसके तहत संबंधित थानों से लेकर जिला प्रशासन प्रदेश शासन और फिर आवेदन को तमाम दस्तावेजों के साथ केंद्र शासन के गृह मंत्रालय को भेजा जाता था. जहां से नागरिकता की स्वीकृति की जटिल प्रक्रिया थी. लिहाजा शरणार्थी अधिकांश मामलों में इस प्रक्रिया का पूरी तरह पालन नहीं कर पाते थे.