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नाबालिग बेटी ही निकली मास्टरमाइंड: प्रेमी के साथ मिलकर पिता पर चाकू से करती रही वार, मां की भी कर दी हत्या

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Published : Dec 19, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Dec 19, 2020, 12:33 PM IST

इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र में कलयुगी बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता की हत्या को अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है.पुलिस के मुताबिक मृत आरक्षक और उनकी पत्नी ने नाबालिग बेटी के ब्वॉयफ्रेंड से मिलने-जुलने पर पाबंदी लगाई थी. इसके बाद दोनों ने योजना बनाकर हत्याकांड को अंजाम दिया.

A minor daughter killed her parents
नाबालिग बेटी ने माता पिता को उतारा मौत के घाट

इंदौर।एक कलयुगी नाबालिग बेटी ने प्रेमी संग मिलकर अपने ही मां बाप को रास्ते से हटा दिया क्योंकि वो दोनों उसके प्यार के आड़े आ रहे थे. बेटी को ये बात नागवार गुजरी और उसने प्रेमी के साथ मिलकर दोनों की निर्मम हत्या कर दी. पुलिस ने दोनों को वारदात के 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया और अब आगे की कार्रवाई कर रही है. ऐसे में ये सवाल जहन में जरूर उठता कि आखिर समाज किस ओर जा रहा है. अगर बच्चे ही अपने माता-पिता को अपना दुश्मन समझने लगे. बहरहाल ईटीवी भारत ने इस घटना को बारिकी से जानने की कोशिश की कि आखिर उस रात क्या कुछ हुआ था और कैसे आरोपी बेटी ने प्रेमी संग मिलकर अपने ही मां-पिता की हत्या की साजिश रची.

दो दिन पहले ही बना ली थी हत्या की योजना

घटना इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के रुकमणी नगर की. दिन गुरूवार जब पुलिस को सूचना मिली थी कि रुकमणी नगर में एक घर में दो लोगों की खून से लथपथ लाश पड़ी है. जिसके बाद इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा हुआ. घटना 16 दिसंबर की रात की है. जब नाबालिक बेटी ने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपने माता पिता को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. पुलिस के मुताबिक, हत्या करने की योजना घटना वाले दिन से दो दिन पहले ही बना ली थी. जिसके चलते आरोपी बेटी ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया. उसके बाद दोनों को कुछ नशीली दवाई पिलाकर सुला दिया. करीब सुबह 4 बजे के आसपास बेटी का प्रेमी धनंजय घर आया. योजना के मुताबिक उसने दरवाजे का ताला खोला और घर के आगे के कमरे में सो रही मां नीलम को धारदार हथियार से घायल कर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद पीछे के कमरे में सो रहे पिता को भी नहीं छोड़ा और उसे भी धारदार हथियार से हमला कर उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया. इस दौरान पिता ने बचने के काफी प्रयास भी किए लेकिन बेटी और उसके प्रेमी धनंजय ने उन्हें लगातार कई वार किए.

नाबालिग बेटी ने माता पिता को उतारा मौत के घाट

किरायदार को आई थी आवाज

जिस आरक्षक पिता की हत्या हुई है. उसने अपने मकान के ऊपरी मंजिल पर किराएदार भी रख रखा था. वहीं जिस समय इस पूरे हत्याकांड को बेटी ने अपने प्रेमी के साथ अंजाम दिया. उस समय किराएदार ऊपर के कमरे में सो रहा था. हत्या वाले दिन उसे जोर की आवाज भी आई थी. उसने सोचा कि दोनों के बीच में अक्सर विवाद रहता है. तो किसी बात को लेकर विवाद हो रहा होगा. इसलिए वह नीचे उतर कर नहीं आया. जब वह नौकरी जाने के लिए नीचे उतरा तो देखा कि दोनों कमरे में खून से लतपथ लाश पड़ी हुई है. इसके बाद उसने पड़ोस में ही रहने वाले हैं ज्योति के परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी. पड़ोसियों को भी जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी.

प्लान के मुताबिक चल रहा था सारा काम, पुलिस ने बिगाड़ा खेल

दोनों की हत्या कर बेटी व उसका प्रेमी धनंजय इनकी लाश को ठिकाने लगाने की भी योजना बना रहे थे, लेकिन काफी लंबा समय हो जाने के कारण वह इनकी लाश को एक ही जगह पर छोड़कर वहां से फरार हो गए. अल सुबह जब दोनों घर से निकलने की योजना बना रहे थे. उस समय सुबह के 6 बज चुके थे. इस दौरान मृतक की बेटी कमरे से बाहर निकली और देखा कि गली में कौन लोग जाग गए हैं. इस दौरान उसने देखा की गली में अभी अधिकतर लोग सोए हुए हैं. इसी बात का फायदा उठाकर वह अपने प्रेमी धनंजय के साथ वहां से निकल गई. सबसे पहले वह अपने प्रेमी धनंजय के साथ विजय नगर चौराहे पर पहुंची. यहां पर उन्होंने कुछ नाश्ता किया. उसके बाद वह उज्जैन पहुंचे क्योंकि उज्जैन इंदौर के काफी करीब है और उन्हें आशंका थी कि पुलिस उज्जैन में पहुंचकर उन्हें पकड़ सकती है. इसलिए उन्होंने योजना बनाई कि वह मंदसौर होते हुए राजस्थान में भाग जाएंगे.

मंदसौर से पुलिस ने किया गिरफ्तार

योजना के मुताबिक वह मंदसौर पहुंचे और यहां पर एक होटल में ठहरे. इसी दौरान पुलिस को पूरे मामले की जानकारी लग गई और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वहीं पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह घटना को अंजाम देकर राजस्थान भागने की फिराक में थे और वहीं पर सेटल भी हो जाते. वहीं हत्याकांड को अंजाम देने से पहले घर में अलमारी से उन्होंने एक लाख से अधिक रुपये व अन्य सामान भी निकाल लिया था और उसी के साथ वह आगे का सफर तय कर रहे थे. पुलिस ने पकड़े जाने के बाद एक लाख और अन्य सामान बरामद कर लिए हैं.

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पुलिस को मिला था एक लेटर, पिता पर लगाए कई गंभीर आरोप

सूचना के आधार पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को लाश के पास एक लेटर बरामद हुआ था. लेटर किसी और का नहीं बल्कि मृतक की बेटी ने हत्याकांड की वारदात को अंजाम देने के बाद वहां पर पुलिस को जानकारी देने के लिए छोड़ा था. वही लेटर में इस बात का जिक्र था कि मैंने ही अपने माता और पिता की हत्या की वारदात को अंजाम दिया है और मुझे इसके बाद ढूंढा जाए और यदि ढूंढा जाता है तो मैं आत्महत्या कर लूंगी. उसने इस लेटर में अपने पिता पर कई गंभीर आरोप भी लगाए और लिखा कि उसकी मां के सामने उसके साथ पिता दुष्कर्म जैसी घटना को भी अंजाम देते थे. इन्हीं सब बातों से परेशान होकर वह इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दे रही है. पुलिस ने केवल 24 घंटे के अंदर पूरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया और आरोपी बेटी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया.

धनंजय के प्यार में पागल थी आरक्षक की बेटी

पुलिस पूछताछ में आरक्षक की बेटी ने यह भी बताया कि वह धनंजय से काफी प्यार करती है और जब भी परिजन उसे धनंजय से मुलाकात नहीं करने की नसीहत देते थे तो वह लड़ लेती थी. वहीं घटना के 3 दिन पहले भी आरक्षक ने रंगे हाथों धनंजय के साथ आरोपी बेटी को पकड़ लिया था. जिसके बाद वहां पर विवाद भी हुआ था और विवाद के बाद ही धनंजय और उनकी बेटी ने यह तय कर लिया था कि इन्हें रास्ते से हटा देंगे. इसके बाद मृतक की बेटी व उसके प्रेमी ने योजना बनाई और फिर इस वारदात को अंजाम दे दिया. वहीं पुलिस पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि उन्हें यह डर था कि यदि वह बिना बताए परिजनों को जाते हैं तो परिजनों ने कैसे भी करके हमारी तलाश कर लेंगे, क्योंकि बेटी के परिजन पुलिस विभाग से जुड़े हुए थे और वह पुलिस के साथ मिलकर देश के किसी भी कोने से उन्हें निकाल लेंगे. इसी डर के कारण उन्होंने इस तरह के हत्याकांड की योजना बनाई और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे.


बेटी के भविष्य की चिंता करना पिता को पड़ा महंगा

बता दे जिस पिता की बेटी ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया वह 15वीं बटालियन में ज्योति शर्मा आरक्षक के पद पर पदस्थ था. वही उसकी पत्नी नीलिमा भी एक शिक्षिका थी और निजी स्कूल में पढ़ाती थी. मृतक 15 बटालियन के आरक्षक का बेटा देहरादून में आर्मी के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने अपनी बेटी को अपने पास रख रखा था और उसे भी अच्छी शिक्षा दे रहे थे. वह भी इंदौर के केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई कर रही थी और मात्र दसवीं क्लास में थी. इसी दौरान उसकी जान पहचान क्षेत्र के ही रहने वाले धनंजय यादव उर्फ डीजे से हो गई. इसके बाद यह मुलाकात प्यार में बदल गई और यह प्यार काफी लंबे सालों तक चलता रहा लेकिन इस प्यार की गूंज बेटी के पिता यानी कि पुलिस में पदस्थ आरक्षक ज्योति शर्मा के कानों में भी पड़ गई. इसके बाद पिता ने अपनी बेटी के भविष्य को देखते हुए युवक धनंजय को समझाइश दी कि वह बेटी से दूर रहे लेकिन यही समझाइश बेटी और बेटी के प्रेमी धनंजय को नागवार गुजरी और उन्होंने पिता व मां को रास्ते से हटाने के लिए योजना बनाई और उस योजना में वह सफल भी हुए और योजनाबद्ध तरीके से उन्होंने इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया. फिर बड़ी ही चालाकी से वहां से फरार भी हो गए.

ऐसे हुई थी दोनों के प्यार की शुरूआत

जिस जगह पर आरक्षण ज्योति का मकान है. उसी से कुछ दूरी पर एक मकान में धनंजय अक्सर आया करता था. इसी दौरान ज्योति की बेटी भी वहां से गुजरा करती थी और दोनों की जान-पहचान हो गई. इसके बाद अक्सर ज्योति की बेटी व धनंजय की बात फोन पर होने लगी. इस बात की जानकारी क्षेत्र के कई लोगों को भी थी. खुद आरक्षक को भी इस बात की जानकारी लगी. जिसके कारण उसने घर में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए. वहीं एक बार तो ज्योति ने अपनी बेटी व धनंजय को रंगे हाथों पकड़ भी लिया था. लेकिन उस समय उसने समझा ही थी. लेकिन उसी दौरान दोनों ने अपनी माता व पिता को रास्ते से हटाने की योजना बना ली और फिर उन्होंने इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया.

फिलहाल जिस तरह से बेटी ने हीं इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है उससे समाज में आज भय का माहौल बना हुआ है. क्योंकि जिस तरह से घर में छुपे हुए ही एक व्यक्ति ने इस तरह से वारदात को अंजाम दिया है. उससे अब घरों में भी दहशत का माहौल है.

Last Updated : Dec 19, 2020, 12:33 PM IST

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