इंदौर।केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नए कृषि कानूनों को साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का साधन बताया. उन्होंने दावा किया कि इन प्रावधानों के खिलाफ जारी आंदोलन में देश के केवल कुछ फीसदी किसान ही शामिल हैं. बता दें वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर कम्पनी सचिवों के 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने इंदौर आए थे. कन्वेंशन सुशासन की थीम पर आधारित था.
नए कृषि कानूनों के विरोध पर क्या बोले मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ?
- वित्त राज्य मंत्री ने कम्पनी सचिवों के 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि देश के कुछ फीसदी किसान ही इस आंदोलन में शामिल हैं. जिन्हें भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. कुछ लोग विरोध करके पूरे देश के किसानों की आय वृद्धि पर रोक लगाना चाहते हैं, यह उचित नहीं है.
- उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग दिखाता है कि नए कृषि काननों के विरोध में हो रहे आंदोलन में कई किसान शामिल हैं, लेकिन उन 90 फीसद किसानों को भी दिखाइए जो इन कानूनों से खुश हैं.
- राज्यमंत्री के मुताबिक देश के ज्यादातर किसानों ने नये कृषि कानूनों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है. इन प्रावधानों से वर्ष 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.
- मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में भ्रम फैलाया जा रहा है. कहा जा रहा कि एमएसपी खत्म हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. नये कृषि कानूनों के अमल में आने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी.
- वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि 'हमने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पिछली सरकार के मुकाबले न केवल फसलों का एमएसपी बढ़ाया, बल्कि इन दरों पर किसानों की उपज की सरकारी खरीद में भी इजाफा किया.नये कृषि कानूनों ने किसानों को यह आजादी दी है कि वे अपनी फसलें मन-मुताबिक दाम पर देश के किसी भी कोने में बेच सकते हैं.
'2021-22 तक जीडीपी ग्रोथ रेट होगी 8.5 फीसदी'
मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2021-22 के वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत होगी. यह बात दुनिया के कई देशों और एजेंसियों ने भी मानी है. वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते विपरीत परिस्थितियां निर्मित हुईं हैं, लेकिन सभी को बखूबी संभाल लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी के दौरान सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. साल 2021-22 के वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.5 फीसदी की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ेगी.जो अपने आप में एक बड़ी बात है.