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सिनेमा का interval या The End!  करोड़ों का नुकसान, दर्जनों सिनेमाघरों पर लगे ताले, सैकड़ों की रोजी रोटी छिनी - इंदौर समाचार

कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) के कारण कई इंडस्ट्रियों (Industries) पर संकट के बादल छाए हुए हैं. इन्हीं में से एक है सिनेमा उद्योग (cinema industry) जोकि इन दिनों अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. प्रदेश में स्थिति यह है कि कोरोना काल के बाद बीते 18 महीने में सेंट्रल सिने एसोसिएशन (Central cine association) से जुड़े करीब ढाई सौ सिनेमाघरों की इस इंडस्ट्री को करीब 2000 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

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50 सिनेमाघरों पर लगे ताले

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Published : Sep 3, 2021, 12:11 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 1:40 PM IST

इंदौर। सिनेमा उद्योग (cinema industry) इन दिनों अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. प्रदेश में स्थिति यह है कि कोरोना काल (corona period) के बाद बीते 18 महीने में सेंट्रल सिने एसोसिएशन (Central cine association) से जुड़े करीब ढाई सौ सिनेमाघरों की इस इंडस्ट्री को करीब 2000 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इतना ही नहीं आर्थिक मंदी (financial crisis) और लॉकडाउन (Lockdown) के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे 50 से ज्यादा सिनेमाघर अब पूरी तरह बंद हो चुके हैं. इनमें कई ऐसे हैं जो अब बिकने को तैयार हैं.

बंद की कगार पर सिनेमा
इंदौर (Indore) में सिनेमाघर अब पूरी तरह से वीरान हो चुके हैं. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के पहले यह सामान्य रूप से आने वाली फिल्मों के दर्शकों के भरोसे चल रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद पूरी फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) पर संक्रमण की ऐसी मार पड़ी की देखते ही देखते कई सिनेमाघर पूरी तरह से लॉकडाउन का शिकार हो गए. अब करीब डेढ़ साल बाद इन सिनेमाघरों में 50 फीसदी दर्शक संख्या के साथ सिनेमाघर शुरू करने की अनुमति मिली है, लेकिन फिल्म देखने यहां 5 फीसदी लोग भी नहीं आ रहे हैं.

मालिकों की बढ़ी मुश्किलें
वहीं, सिनेमाघर मालिकों को बिजली बिल से लेकर परिसर के मेंटेनेंस (Maintenance) और संपत्ति कर (Property Tax) चुकाना भी भारी पड़ रहा है. लिहाजा, अधिकांश सिनेमाघर संचालक अब अपने सिनेमाघरों में कोई फिल्म नहीं लगाना चाहते. जो ठीक-ठाक हाल में हैं उनमें दर्शकों को आकर्षित करने के लिए फिलहाल कोई भी बड़े बैनर की फिल्म मुंबई से ही रिलीज होने की स्थिति में नहीं है. नतीजतन छोटे-मोटे बैनर की जो फिल्में इन सिनेमाघरों में लग रही हैं उन्हें कोई भी दर्शक देखने को तैयार नहीं है.

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50 सिनेमाघर अब पूरी तरह बंद
प्रदेश के ढाई सौ में से 50 सिनेमाघरों (Cinemas) को अब पूरी तरह बंद करना पड़ा है. इन सिनेमाघरों (Cinema) में भी कई ऐसे हैं जिनके कर्मचारियों (Workers) और मशीनों का खर्चा नहीं निकलने के कारण टॉकीज संचालक पूरी टॉकीज को ही बेचना चाहते हैं. हालांकि, फिर भी अस्तित्व के संकट से जूझते प्रदेश के सिने उद्योग को उम्मीद है कि सितंबर अंत तक यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई, तो पूरी ताकत के साथ सिनेमाघर खुल सकते हैं. बशर्ते की संक्रमण नहीं होने से बड़े बैनर की फिल्में आसानी से रिलीज की जा सके. मध्यप्रदेश सिने सर्किट एसोसिएशन के मुताबिक, सितंबर अंत तक कई फिल्मों के रिलीज होने की उम्मीद है, जो दर्शकों को एक बार फिर मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों तक लाने के लिए मजबूर कर देंगी.

बिजली बिल और संपत्ति कर में रियायत की मांग
मध्यप्रदेश में करीब ढाई सौ सिनेमाघर (Cinema) बीते 18 महीने से बंद है. इसके बावजूद मध्य प्रदेश विद्युत मंडल (Madhya Pradesh Vidyut Mandal) एवं विद्युत वितरण कंपनियों (Power Distribution Company) द्वारा सिनेमाघरों (cinema houses) उसे व्यवसायिक दरों में विद्युत की वसूली हो रही है. लिहाजा एसोसिएशन ने राज्य सरकार (State Govt) और आबकारी विभाग (Excise Department) को हाल ही में ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि सिनेमाघरों को विद्युत बिल (Electricity bill) में कोरोना संक्रमण काल की अवधि की राहत दी जाए, हालांकि सरकार ने अब तक इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया है.


मल्टीप्लेक्स में 4 शो भी नहीं
कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बाद राज्य शासन ने मध्य प्रदेश (MP) के सिनेमाघरों (cinema houses) को 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू करने की अनुमति दी है, लेकिन दर्शकों के नहीं आने के कारण सिनेमाघर चालू ही नहीं हो पा रहे हैं. मल्टीप्लेक्स (Multiplex) को लेकर भी कमोबेश यही स्थिति है. जहां मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर संबंधित फिल्मों को लेकर 5 से 6 शो 1 दिन में अनाउंस करते हैं, लेकिन दर्शकों के नहीं आने के कारण एक या दो शो दिखाने के बाद मल्टीप्लेक्स बंद कर दिए जाते हैं.

Last Updated : Sep 3, 2021, 1:40 PM IST

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