इंदौर। मध्यप्रदेश में पुलिस महकमे में पदस्थ पुलिसकर्मियों को आला अधिकारी कई तरह के दिशा निर्देश जारी करते रहते हैं. ताकि पुलिसकर्मी आम आदमी से ठीक व्यवहार करें, लेकिन आला पुलिस अधिकारियों के दावों को आरक्षक लेवल पर पदस्थ पुलिसकर्मी पलीता लगाते नजर आते हैं. इसी तरह की एक घटना इंदौर के छोटी ग्वाल टोली थाना क्षेत्र में भी सामने आई है, जहां एक पुलिसकर्मी दो बाइक सवारों को जमकर पीटता सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है. डीआईजी ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है.
पुलिस की मारपीट का लाइव वीडियो, पिटाई करने वाले आरक्षक को डीआईजी ने किया लाइन अटैच
इंदौर में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी बाइक सवारों की पिटाई करते दिख रहा है. इस मामले में डीआईजी ने मारपीट करने वाले आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है, मामला छोटी ग्वालटोली थाना इलाके का बताया जा रहा है.
घटना इंदौर के छोटी ग्वालटोली थाना क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां थाने पर पदस्थ आरक्षक कालीचरण पुलिस की गाड़ी से क्षेत्र में ही एक आटा चक्की से आटा उठाने के लिए गया था. जब वह आटा चक्की के सामने गाड़ी खड़ी कर रहा था, उसी दौरान एक वाहन चालक पुलिस की गाड़ी में आकर टकरा गया. अचानक हुए इस घटनाक्रम पर आरक्षक कालीचरण काफी गुस्सा हुआ और उसने गाड़ी में रखे डंडे को निकालकर वाहन चालक को पीटने लगा. इस दौरान वाहन चालक हाथ जोड़कर अपने बचाव में काफी मिन्नतें भी करता रहा. पुलिस बर्बरता की यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.
पुलिसकर्मी की हरकत को देखकर वहां पर अन्य वाहन चालक भी जस के तस ठहर गए इसी के साथ आटा चक्की के संचालक ने तुरंत आटे की थैलियों को पुलिस की गाड़ी में रख दिया, वहीं आरक्षक द्वारा मारपीट की घटना काफी देर तक जारी रही. आरक्षक द्वारा वाहन चालक को गाड़ी में भी बैठाने का प्रयास किया गया, लेकिन वाहन चालक के द्वारा माफी मांग ली गई, पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई जिसके आधार पर यह घटना रविवार दो बजकर 55 मिनट की बताई जा रही है. सीसीटीवी के आधार पर डीआईजी ने आरक्षक कालीचरण को लाइन अटैच कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
बता दें जिस तरह से पुलिसकर्मी के द्वारा सरकारी वाहन में अपने निजी काम किए जा रहे हैं, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह से सरकारी संपत्ति का उपयोग निजी काम करने के लिए लिया जा रहा है. फिलहाल घटना की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी ने तत्काल प्रभाव से आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.