इंदौर। मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच राजस्व की शर्तों को लेकर विवाद लगातार गहरा रहा है. यही वजह है कि, राज्य सरकार के शराब दुकान खोलने के आदेशों के बावजूद अधिकांश स्थानों पर दुकानें नहीं खुल पा रही हैं. अब ठेकेदारों द्वारा राजस्व में रियायत की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसकी सुनवाई के बाद दुकानों के खुलने पर फैसला हो सकेगा.
इंदौर में नहीं खुल सकीं शराब की दुकानें, रियायत के लिए ठेकेदारों ने ली हाईकोर्ट की शरण - इंदौर
इंदौर में लिकर कॉन्ट्रैक्टर्स ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की दुकान नहीं खोली है. दरअसल शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच राजस्व की शर्तों को लेकर विवाद चल रहा है. राजस्व में रियायत की मांग को लेकर लिकर कॉन्ट्रैक्टर्स ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.
![इंदौर में नहीं खुल सकीं शराब की दुकानें, रियायत के लिए ठेकेदारों ने ली हाईकोर्ट की शरण Petition filed in Liquor Contractors High Court](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7298315-thumbnail-3x2-ind.jpg)
दरअसल इंदौर में लिकर गैलरी ग्रुप के ठेकेदारों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों का ठेका 16 मार्च को 1168 करोड़ में लिया था, लेकिन 24 मार्च से ही लॉकडाउन हो जाने के कारण तभी से दुकानें बंद हैं. लॉकडाउन के कारण दुकानों पर काम करने वाले करीब 12 सौ मजदूर घर चले गए. इस बीच हालही में राज्य सरकार ने दुकानें खोलने के निर्देश ठेकेदारों को दिए, तो उन्होंने अधिकांश समय दुकानें बंद रहने के कारण कुल निर्धारित राजस्व चुका पाने में असमर्थता जाहिर की.
इस दौरान राज्य शासन ने जब कोई रियायत देने के संकेत नहीं दिए, तो शराब विक्रेता इस मामले को लेकर हाईकोर्ट चले गए. इधर इंदौर कलेक्टर ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानें खोलने के आदेश दे दिए. तब भी शराब ठेकेदार सरकार से रियायत मांग रहे हैं, हालांकि इस मामले में 27 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इसके बाद तय होगा कि दुकानें खुलेगी जाएगी या नहीं. हालांकि शराब ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि, यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो हाईकोर्ट के बाद में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.