इंदौर।कोरोना महामारी के कारण आर्थिक चुनौतियां और परेशानियों में गुजरे बीते साल की तरह ही नव वर्ष 2021 की शुरूआत भी उथल-पुथल भरी रहने वाली हैं. नए साल में 14 जनवरी से शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को बुध और गुरु के अलावा चंद्रमा भी शामिल हो जाएंगे, जिसके कारण 6 ग्रहों की युति देश में महामारी महंगाई और अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाओं के संकेत दे रही है.
शनि और गुरु का मिलन का संयोग
मध्यप्रदेश ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा के अनुसार 2019 अप्रैल से ही शनि और गुरु का मिलन अप्रत्याशित घटनाओं को निमंत्रण देता है. 20 अप्रैल को देव गुरु बृहस्पति ने मकर राशि में प्रवेश किया है. मकर, राशि, गुरु और बृहस्पति की नीच राशि है. वहीं शनि की स्वराशि है, लिहाजा शनि और गुरु का मिलन विश्वव्यापी अप्रत्याशित घटनाओं का सूचक माना गया है.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नव वर्ष में 14 जनवरी को शनि और गुरु की युति में सूर्य का प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा 4 से 8 फरवरी को यह पंच ग्रह की युति बन जाएगी, क्योंकि इसमें बुध, शुक्र और गुरु भी शामिल हो जाएंगे. वहीं 9 से 11 फरवरी को देश और दुनिया के लिए नाजुक समय होगा, क्योंकि इस दौरान इस पांच ग्रहों की युति में चंद्र ग्रह भी शामिल हो जाएगा. लिहाजा यह 6 ग्रहों की युति मकर राशि में बनने के कारण देश और दुनिया के लिए अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत देती है.