इंदौर। किसानों के भरोसे सत्ता में आई कमलनाथ सरकार एक बार फिर किसान आंदोलन के जरिए 2023 में सत्ता वापसी की राह तलाश रही है. रविवार को इंदौर के देपालपुर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्रैक्टर महारैली का आयोजन किया. इस रैली के बहाने उन्होंने किसानों के सामने अपनी सरकार के समयकाल के जनकल्याणकारी काम गिनाए. साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि किसानों को तरक्की के रास्ते पर आने के लिए नगरीय निकाय पंचायत और आगामी विधानसभा चुनाव में सच्चाई का साथ देना होगा.
वापसी की तैयारी कर रही कांग्रेस
देशभर में जारी किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस एक बार फिर किसानों की मदद से सत्ता संघर्ष में जुड़ने को तैयार है. शनिवार को भोपाल में किसान आंदोलन के समर्थन में निकाली गई के दौरान हुए उग्र प्रदर्शन के बाद पार्टी अब किसानों के मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन खड़ा करना चाहती है. इसके पीछे नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भी है. लिहाजा कांग्रेस भोपाल और इंदौर के बाद तमाम जिलों में इस आंदोलन के जरिए किसानों का एक बार फिर समर्थन में लेकर 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की हर संभव कोशिश करने की तैयारी कर रही है.
राष्ट्रवाद के नाम पर युवा और किसानों से छलावा
रविवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब 2014 में सत्ता में आना था, तो उन्होंने हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब मोदी युवाओं की कोई बात नहीं करते. उन्होंने कहा पहले पाकिस्तान के नाम पर राष्ट्रवाद का प्रचार किया. अब अयोध्या मंदिर के लिए धन एकत्रीकरण के नाम पर कथित राष्ट्रवाद दर्शाया जा रहा है. कमलनाथ ने कहा मंदिर-मस्जिद निर्माण से युवाओं को रोजगार नहीं मिलने वाला है. इसके लिए आर्थिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी.
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