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पश्चिम बंगाल में हार स्वीकार, राजनीतिक हिंसा को रोकें ममता - कैलाश विजयवर्गीय - बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय

पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी पर सवार खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने इस मामले में ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

कैलाश विजयवर्गीय-  ममता बनर्जी
कैलाश विजयवर्गीय- ममता बनर्जी

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Published : May 3, 2021, 11:50 AM IST

Updated : May 3, 2021, 11:57 AM IST

इंदौर।बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल में कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मामले में ममता बनर्जी को हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. बंगाल में अपनी चुनावी हार स्वीकार करने के बाद विजयवर्गीय ने कहा, 'हम पश्चिम बंगाल में जनता का जनादेश स्वीकार करते हैं. एक सक्षम विपक्ष की भूमिका में सदन में सरकार की हर संभव मदद को तैयार हैं. कैलाश ने कहा कि इस मौके पर ममता बनर्जी से अनुरोध है कि यहां जिस तरह की अराजकता चल रही है. कृपया उसे रोकें.

कैलाश विजयवर्गीय


बीजेपी महासचिव की ममता से मांग


कैलाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट हो रही है. कार्यालयों को आग के हवाले किया जा रहा है. पार्टी से जुड़ी हुई महिलाओं की भी पिटाई हो रही है. इसलिए कम से कम इस प्रकार की घटनाओं को रोक कर अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की सलाह दें. यही अनुरोध है जीत को लेकर आपको पुनः शुभकामनाएं.'


महासचिव के राजनीतिक भविष्य पर उठे सवाल

दरअसल, शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने खुद संगठन में काम करने की इच्छा जताई. इसके बाद से ही वे पश्चिम बंगाल के प्रभारी रहे हैं. इस बार उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को पटखनी दे देंगे, लेकिन तमाम दावों के बावजूद ममता बनर्जी ने अकेले ही पूरी भाजपा को चारों खाने चित कर दिया. इसके बाद से भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं,

जल्द ही दी जा सकती है कोई अन्य जिम्मेदारी


हालांकि, अब विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में रहेंगे या केंद्र में संगठन का काम देखेंगे. फिलहाल, यह पार्टी अध्यक्ष और संगठन को तय करना है, लेकिन कैलाश की माने तो उन्हें दिल्ली में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, कैलाश के करीबियों का कहना है कि उनकी इच्छा अपने पसंदीदा शहर इंदौर लौटकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने की थी, लेकिन अब इस पर भी सस्पेंस रहेगा.

एक-दो दिन में इंदौर पहुंचेंगे महासचिव

पश्चिम बंगाल में चुनावी हार के बाद सबसे पहले वे इंदौर में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी से हो रही मौतों को रोकने और इलाज से जुड़े संसाधनों को मुहैया कराने की शुरुआत करेंगे. इसके लिए वे एक-दो दिन में इंदौर पहुंच रहे हैं.

Last Updated : May 3, 2021, 11:57 AM IST

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