मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Strike: 'मौत के साए' में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल: उग्र आंदोलन की चेतावनी

अस्पतालों में डॉक्टर लगातार अपनी 5 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर में हड़ताल पर चले गए हैं.

Junior doctor
जूनियर डॉक्टर

By

Published : May 6, 2021, 11:47 AM IST

Updated : May 6, 2021, 12:36 PM IST

इंदौर। प्रदेश में पहले से ही कोविड महामारी के चलते हाहाकार मचा रखा है. इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. अस्पतालों में डॉक्टर लगातार अपनी 5 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर के अध्यक्ष प्रखर चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानने पर आने वाले समय में और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

जूनियर डॉक्टर्स की मांग 'अनदेखी'

पांच सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को एक बार फिर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर की पिछले एक साल से अपनी मांग को लेकर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया जा रहा है. लेकिन सरकार के उदासीन रवैये के चलते हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. लगातार प्रदेश सरकार जूनियर डॉक्टर को झूठा आश्वासन देकर काम करवा रहे हैं. हमारी मांगों को लगातार अनदेखा कर रहे हैं. सरकार के आने वाले समय में मांग पूरी करने का केवल आश्वसन दिया था लेकिन अभी तक डॉक्टर्स की मांगों पर कोई विचार विमर्श नहीं हुआ है. जिसके चलते जूडा हड़ताल पर जाने पर मजबूर हुए हैं. कुछ दिनों पहले भी 'जुड़ा' ने हड़ताल की थी. इस दौरान जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग से भी मिले थे.

इंदौर में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल

मारपीट से डरे हुए हैं 'डॉक्टर्स'

प्रमुख मांगों में जूनियर डॉक्टर्स की सिक्योरिटी है, जो सरकार उन्हें उपलब्ध नहीं करा रही है. आए दिन अस्पतालों में डॉक्टरों से मारपीट हो रही है और बीच-बचाव में कोई डॉक्टर कुछ करते हैं तो उन्हें ही दोषी ठहराया जा रहा है. जूनियर डॉक्टर की मांग है कि सरकार प्रदेश के सभी कोविड अस्पतालों में उनकी सेफ्टी के लिए सुरक्षा गार्ड लगाए. दूसरा कोरोना काल में कई डॉक्टर ड्यूटी ले दौरान संक्रमित भी हुए हैं. इसके साथ ही कई साथी डॉक्टर जान गंवा चुके हैं, डॉक्टर इन सब घटनाओं लेकर पहले से ही डरे हुए हैं. इसलिए डॉक्टर नहीं चाहते हैं कि आगे भी इस तरह की हालात बने. इसके लिए सरकार से कड़े नियम की मांग कर रहे हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए एक अलग से हर अस्पताल में 10% बेड डॉक्टरों के लिए रिजर्व हो, ताकि डॉक्टरों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े. चूंकि लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टर खुद कोरोना के चलते बीमार होते हैं तो उन्हें तत्काल उपचार की सुविधा मिले.

'मौत के साए' में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल : बात नहीं बनी, तो और बिगड़ेंगे हालात

'ट्यूशन फीस माफ हो'

डॉक्टर्स पिछले एक साल से कोरोना काल में काम कर रहे हैं, क्योंकि इस फील्ड में डॉक्टरों की इसमें स्पेशलिस्ट नहीं है. डॉक्टर चाहते हैं कि इसकी ट्यूशन फीस माफ की जाए और एक साल के कोरोना काल में काम कर रहे हैं. इसके साथ ही अभी हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री ने डॉक्टर के लिए कई योजनाएं निकाली है. उसे देखते हुए भारत के कई राज्यों में डॉक्टरों जूनियर डॉक्टरों के लिए हित में कई प्रकार से उनके हित में योजनाएं चल रही है.

सरकार को नहीं है कोई चिंता

लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक किसी भी तरह की सुविधा जूनियर डॉक्टरों को उपलब्ध नहीं की गई है. इस बातों को सोचना तो दूर स्वास्थ्य मंत्री, जूनियर डॉक्टर से बात करना पसंद नहीं कर रहे हैं, जो डॉक्टर दिन रात मेहनत करके अपने परिवार से दूर रहकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं, उनकी जान की चिंता प्रदेश सरकार नहीं कर रही है. कौन सरकार के इस तरह के उदासीन रवैया के खिलाफ आज प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों द्वारा हड़ताल की जा रही है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

जूनियर डॉक्टर अध्यक्ष प्रखर चौधरी ने बताया कि इस हड़ताल के दौरान अगर किसी मरीज की मौत होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी. हड़ताल के दौरान प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह का बड़ा कदम नहीं उठाया तो जूनियर डॉक्टर उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. इस दौरान ओपीडी इमरजेंसी वार्ड सब कुछ बंद कर दिया गया है.

बिगड़ सकते हैं अस्पतालों के हालात

डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के हालात बिगड़ सकते हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंदर मीणा का कहना है कि सरकार लगातार डॉक्टर की मांगों को नजरअंदाज करती आ रही है. इस रवैये से सिद्ध होता है कि सरकार को अपने डॉक्टर्स की कोई परवाह नहीं है, जिसके चलते जूनियर डॉक्टर से असंतोष का माहौल है.

हड़ताल पर डॉक्टर्स

जूनियर डॉक्टर गुरुवार से हॉस्पिटल मे एमरजेंसी ड्यूटी सहित ओपीडी, वार्ड ड्यूटी में मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. ऐसे मे मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसका असर कोरोना के मरीजो पर भी पड़ सकता है. इसका विशेष असर राजधानी भोपाल के हमीदिया ओर गांधी मेडिकल कॉलेज मे देखने को मिल सकता है.

Last Updated : May 6, 2021, 12:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details