इंदौर। एक तरफ कोरोना की वजह से मध्य प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस दौरान मौके का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से सामने आया है. शहर के एमटीएच अस्पताल में एक महिला के शव से जेवर चोरी हो गए. इसके बाद जब परिजनों ने हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया. अस्पताल प्रबंधन की फटकार के बाद शव से चोरी हुए जेवरात अस्पताल के एक कमरे से बरामद हो गए.
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जेवर नहीं मिलने तक शव लेने से किया इनकार
पूरा मामला शहर के एमटीएच अस्पताल का है. सुखलिया निवासी दीपेश वर्मा ने अपनी मां अनीता वर्मा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था. 9 अप्रैल को दीपेश की मां की इलाज के दौरान मौत हो गई. जब परिजनों को शव सौंपा गया तो महिला के शरीर से सभी जेवरात गायब थे. इसके बाद महिला के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और जेवरात नहीं मिलने तक शव ले जाने से इनकार कर दिया. घटना की जानकारी लगते ही अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई. कुछ देर के बाद अस्पताल के एक कमरे से जेवरात बरामद हो गए. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला के परिजनों को जेवरात वापस लौटाए और शव को श्मशान घाट तक पहुंचाया. इस मामले में जब अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो वो कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए नजर आए.
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इलाज को लेकर परिजनों ने की थी शिकायत
दरअसल अनीता वर्मा को सांस लेने में दिक्कत थी लेकिन कोविड के कोई लक्षण नहीं थे. परिजनों ने मजबूरी में महिला को एमटीएच अस्पताल में भर्ती कराया था. परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान यहां डॉक्टरों ने परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के 5 हज़ार रुपए की मांग की थी. जिसकी शिकायत महिला के परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन और सीएम हेल्प लाइन में भी की थी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर्स ने उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया भी था, जिसके बाद परिवार के लोगों ने शिकायत वापस ले ली थी. परिजनों ने ये भी बताया कि महिला ने खुद उन्हें फोन करके बताया था कि अस्पताल में उन्हें सही से इलाज नहीं मिल रहा है.