इंदौर। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन भक्त श्रीकृष्ण को बाल रुप में पूजते हैं. कहा जाता है कि, भगवान श्रीकृष्ण के हर रूप में उनकी अद्भुत लीलाएं हैं. श्रीकृष्ण की अद्भुत लीलाओं की हजारों किवदंतियां, पौराणिक कथाओं और पुस्तकों में पढ़ने-सुनने को मिलती हैं. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ने वाले और इसका लुत्फ लेने वाले जरूरी मायूस रहेंगे. इंदौर में मटकी फोट का विकल्प निकाल लिया गया है, ऐसे तमाम श्रद्धालुओं ने मटकी फोड़ने की जगह मटकी का केक काटकर जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां की है.
इस जन्माष्टमी मटकी केक
जन्माष्टमी के अवसर पर इंदौर में मिठाइयों और केक की दुकानों पर सजे तरह-तरह के मटकी केक इस बार घर-घर में जन्माष्टमी का आकर्षण का केंद्र है, दरअसल इस तरह के केक तैयार करने के ऑर्डर शहर के करीब 2000 दुकानों में से अधिकांश को मिले हैं. लिहाजा दुकानों पर डिलीवरी के लिए तरह-तरह के केक सजे हुए हैं. इस तरह के केक तैयार करने की वजह इस बार मटकी फोड़ प्रतियोगिताएं न होना भी है.
मटकी केक से बर्थडे सेलिब्रेट
शहरभर के युवा हर साल इंदौर में आयोजित होने वाली करीब 150 मटकी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस बार युवा कोरोना के कारण जन्माष्टमी अपने तरीके से मनाना चाहते हैं. कई युवाओं ने इसके लिए बाकायदा जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के बर्थडे को सेलिब्रेट करने की तरह-तरह की तैयारियां की हैं, इसके अलावा युवाओं की टोलियां अपने जन्मदिन की तरह ही भगवान कृष्ण का जन्म दिन मनाने की तैयारियां कर रही हैं.
श्रीकृष्ण का 5248वां जन्मोत्सव