इंदौर। महात्मा गांधी ने जीवन भर खुद सफेद कपड़े पहने लेकिन उनके मन में देश को अंग्रेजों के आजाद कराने का सपना था. महात्मा गांधी की इसी धारणा को इंदौर के इंटीरियर डिजाइनर और क्रिएटिव आर्टिस्ट अली असगर ने पहली बार इल्यूजन आर्ट में साकार किया है. बापू को कुछ अलग हटकर श्रद्धांजलि देने की ख्वाहिश रखने वाले इंटीरियर डिजाइनर ने यह दुर्लभ कृति बनाई है.
इंटीरियर डिजाइनर ने गांधी जी की इल्यूजन आर्ट कृति बनाकर दी अनोखी श्रद्धांजलि
इंदौर के इंटीरियर डिजाइनर और क्रिएटिव आर्टिस्ट अली असगर ने पहली बार बापू को इल्यूजन आर्ट में साकार किया है. बापू को कुछ अलग हटकर श्रद्धांजलि देने की ख्वाहिश रखने वाले इंटीरियर डिजाइनर ने यह दुर्लभ कृति बनाई है.
इंदौर शहर में पहली बार इल्यूजन आर्ट के जरिए तैयार की गई गांधी जी की यह प्रतिकृति इसलिए भी खास है क्योंकि इसे एक सुनिश्चित स्थान पर खड़े होकर करीब16 फीट दूर से देखने पर ही इल्यूजन आर्ट में गांधीजी नजर आते हैं जबकि सामान्य तौर पर इसे देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह गांधीजी का इल्यूजन आर्ट है.
इस कलाकृति में आर्ट क्राफ्ट और पेंटिंग का संयोजन कुछ इस तरह किया गया है कि 6 कांच पर लगे अनगिनत रंगीन स्टिकर एक होकर उसे गांधीजी के चित्र में दर्शाते हैं. पेशे से इंटीरियर डिजाइनर और क्रिएटिव आर्टिस्ट अली असगर ने गांधी जी की जन्मशती के अवसर पर उन्हें अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी है. क्रिएटिव आर्टिस्ट अली असगर की इस कला को लोग दूर दूर से देखने पास पहुंच रहे हैं.