इंदौर।महू के बडगोंदा में आदिवासी युवती की मौत के बाद हुए हंगामे को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने गांव मे धारा 144 लगाने के साथ प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को क्षेत्र में तैनात कर दिया है. युवती की मौत से आक्रोशित लोगों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में एक ग्रामीण की मौत हो गई है जिसके चलते गांव का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. गुरुवार को पीड़ितों से मिलने कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन, पांचीलाल मेढा, झूमा सोलंकी समेत कई नेता पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने मामले को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है.
ये है पूरा मामला:महू में बुधवार रात एक आदिवासी युवती की मौत पर उसके परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने आरोप लगाए कि दबंगों ने गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या कर दी. गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. जिसमें 5 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. बिगड़ते हालात देखकर पुलिस ने काबू पाने की कोशिश करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया. बताया जाता है कि इस दौरान करीब 25 हवाई फायर भी किए गए थे. इसी बवाल में पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक भेरूलाल को गोली लग गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं एक अन्य आदिवासी युवक के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया.
मामले में आगे क्या हुआ:सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महू की घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए थे. सीएम की घोषणा के बाद इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तत्काल बैठक बुलाई और इंदाैर के अपर कलेक्टर व एडीएम अजय देव शर्मा को मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा साैंप दिया है. पुलिस की प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस युवती की मौत के कारण हंगामा हुआ, वह और आरोपी युवक एक दूसरे को जानते थे. पुलिस ने अब तक इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंप दी है. अब मजिस्ट्रियल जांच में इस रिपोर्ट के साथ सभी तथ्यों की जांच की जाएगी.