इंदौर।कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसार लिए हैं, इंजेक्शन की कमी से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं. लेकिन जल्द ही प्रदेश में ब्लैक फंगस के लिए लगने वाले इंजेक्शन की कमी दूर हो जाएगी. इंदौर की मॉर्डन लैब को सरकार ने इंजेक्शन बनाने की अनुमति दे दी है.
मार्डन लैब को मिला इंजेक्शन का लाइसेंस
ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस और येलो फंगस के इलाज में प्रभावशाली इंजेक्शन एंफोटेरिसिन-बी और पोसोकोनजोल का निर्माण देश की कुछ फार्मा कंपनी कर रही है. लेकिन अब इसे बनाने का लाइसेंस देश की कुछ अन्य लैब को भी दिया गया है. जिसमें इंदौर की मॉर्डन लैबोरेट्री भी शामिल है. मॉर्डन लैबोरेट्रीज के डायरेक्टर डॉ. अनिल खरिया ने बताया कि सांसद शंकर लालवानी और मंत्री तुलसी सिलावट की मदद से लैब को ये लाइसेंस मिला है.