इंदौर(PTI)।गुजरे बरसों में तकनीक की करवटों ने बिजली के मीटरों की सूरत काफी हद तक बदल दी है, लेकिन इंदौरमें विद्युत वितरण क्षेत्र की एक सरकारी कम्पनी ने अलग-अलग पीढ़ियों के बिजली मीटरों को अब तक करीने से संजो के रखा है. बिजली मीटरों के विकास क्रम की झलक पेश करने वाले इस अनूठे संग्रह में करीब साढ़े छह दशक पहले चलन में आए इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंडक्शन मीटर से लेकर इन दिनों उपभोक्ताओं के घरों में लगाया जा रहा "स्मार्ट" डिजिटल मीटर शामिल है.
बिजली मीटरों का संग्रह: मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के जनसंपर्क अधिकारी अवधेश शर्मा ने सोमवार को बताया कि "शहर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में कम्पनी के मुख्यालय की प्रयोगशाला में बिजली मीटरों का संग्रह है जिसमें अलग-अलग पीढ़ियों के करीब 20 बिजली मीटर सुरक्षित रखे गए हैं. इस संग्रह में सबसे पुराना मीटर इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंडक्शन मीटर है. करीब चार किलोग्राम वजन का यह मीटर विदेश से आयात किया जाता था और साल 1960 से 1990 तक प्रचलित था."
नए बिजली मीटर की खासियत: शर्मा ने बताया कि "कंपनी के संग्रह में सेमी इलेक्ट्रोमैकेनिकल मीटर, रेडियो आवृत्ति आधारित मीटर, सिम से चलने वाले मीटर और ब्लू टूथ तकनीक वाले मीटर भी शामिल हैं." उन्होंने बताया कि "पुरानी पीढ़ी के बिजली मीटरों के निर्माण में बड़ी मात्रा में धातु और चुम्बक का इस्तेमाल होता था जिससे इनमें छेड़छाड़ की आशंका रहती थी. शर्मा ने बताया कि इस कमी को देखते हुए अगली पीढ़ियों के मीटरों में धातु और चुम्बक का इस्तेमाल कम होता चला गया और फाइबर और अन्य सामग्री से डिजिटल मीटर बनाए जाने लगे."
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