इंदौर।देशभर में आस्था और औषधि के लिहाज से घर-घर में मौजूद तुलसी पौधे का ओहदा सबसे ऊंचा है. तुलसी का पौधा झाड़ के रूप में उगता है, जो आमतौर पर 1 से 3 फीट ऊंचा होता है. तुलसी की पत्तियां बैंगनी आभा रंग वाली हल्के रोए से ढंकी होती हैं. जिसमें 1 से 2 इंच लंबी सुगंधित आयताकार पुष्प मंजूरी भी होती है, जो 8 इंच तक बहुरंगी छटा वाली हो सकती हैं. इस पर गुलाबी आभा वाले हृदय कार पुष्प चक्र जैसे बीज भी लगते हैं. माना जाता है कि यह पौधा सामान्य रूप से 2 से 3 साल तक हरा बना रहता है. बाद में इसकी वृद्धावस्था आ जाती है. पत्ते कम और छोटे हो जाते हैं और शाखाएं सूखने लगती हैं, लेकिन अरण्य तुलसी के पौधे ऊंचाई में कई फीट लंबे भी हो सकते हैं.
चार प्रकार की तुलसी :वानस्पतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि आमतौर पर तुलसी चार प्रकार की होती है, जिसे सामान्य रूप से राम तुलसी श्याम तुलसी अरण्य तुलसी और कपूर तुलसी के रूप में विभाजित किया गया है, जिसमें अरण्य तुलसी का पौधा 8 से 10 फुट तक सीधा और शाखाओं से भरा होता है, जिसकी छाल खाकी पत्ते 4 इंच तक लंबे और दोनों ओर से चिकने होते हैं. यह पौधा पं. बंगाल, नेपाल, असम की पहाड़ियों के अलावा सिंध में पाया जाता है. यही पौधा अब इंदौर में तेजी से बढ़ते हुए करीब 12 फीट ऊंचा हो चुका है. जो वृक्ष का रूप ले रहा है. इसे अपने खेत में लगाने वाले अमित धाकड़ बताते हैं कि साढ़े 3 साल पहले इस पौधे को वह पुणे से लाए थे. जिसकी विशेष देखभाल के बाद इसकी ऊंचाई और आकार में तेजी से वृद्धि हुई.