इंदौर।मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण इंदौर की जनसंख्या भले 40 लाख के करीब हो लेकिन यहां सड़कों पर वाहनों की संख्या करीब 22 लाख हैं. इनमें से चार लाख वाहन ऐसे हैं जो 15 साल पुराने हैं लेकिन वह आज भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं. यही स्थिति लोडिंग और अन्य वाहनों की है, जो शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव के साथ प्रदूषण का कारण भी बने हुए हैं. वहीं इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जहां हर साल बड़ी संख्या में वाहनों का पंजीयन होता है. जनसंख्या के दबाव और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहर के अधिकांश इलाकों में फिलहाल ट्रैफिक जाम की समस्या है. इस समस्या की बड़ी वजह है लोगों का ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना. Indore traffic problem
चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन :अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन होने के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. अब इंदौर नगर निगम ने इस स्थिति से निपटने के लिए जहां रिमूवल की कार्रवाई शुरू की है वहीं यातायात में सुधार के लिए तरह-तरह के प्रयास हो रहे हैं. इनमें येलो बॉक्स एक महत्वपूर्ण प्रयोग है. चौराहे पर वाहन चालकों को येलो बॉक्स के बाहर रुकना होगा. येलो बॉक्स के अंदर वाहन चालक तभी प्रवेश कर पाएंगे, जब उनका एग्जिट प्वाइंट क्लियर होगा. यानी ग्रीन सिग्नल के बाद यदि बॉक्स के बाहर गाड़ी खड़ी है तो वाहन चालकों को रुकना होगा. अभी इंदौर के अधिकांश चौराहों पर स्थित यह है कि एक साइड का सिग्नल और पॉइंट ग्रीन होने के दूसरी तरफ से लोग रेड लाइट में भी सड़क पार करना शुरू कर देते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका के साथ ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है. Indore traffic problem