इंदौर।कहते हैं दुनिया में देहदान से बड़ा कोई ध्यान नहीं है, इसी मान्यता के चलते इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी का छत गिरने से हुई दुर्घटना में मारे गए 36 व्यक्तियों में से आठ के परिवारों ने अपने मृत परिजनों के अंगदान करने का फैसला लिया है. स्वयंसेवी संगठन मुस्कान ग्रुप ने कहा कि मृतकों के परिवार ने अपने प्रियजनों की त्वचा और आंखें दान करने के लिए सहमत हुए है. जिन्हें उन्होंने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान बावड़ी की छत गिरने के बाद खो दिया था. वहीं संगठन के संदीपन आर्य ने कहा, ''परिजनों को समझाने के बाद हमने डॉक्टरों और नौकरशाहों से समन्वय किया. इसके बाद भारी मन से परिवारों ने अपने मृत परिजनों को दूसरों में देखने के लिए अंग दान के लिए हामी भर दी."
इन मृत लोगों के परिजनों ने दी लिखित सहमतिः उन्होंने कहा कि अब तक इंद्र कुमार हरवानी, भुमिका खानचंदानी, जयंतीबाई, दक्षा बेन पटेल, लक्ष्मी बेन पटेल, भारती कुकरेजा, मधु भम्मानी और कंनक पटेल के परिवार के सदस्यों ने आंख और त्वचा दान के लिए अपनी लिखित सहमति दी है. उनकी आंखें इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एमवाय अस्पताल और संकरा आई बैंक को दान की गई हैं. आर्य ने कहा कि चोइथराम अस्पताल के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों की ओर से दान की गई त्वचा प्राप्त की है. रोड एक्सीडेंट में मरने वाले नितिन गंगवाल के परिजनों ने भी आंख और त्वचा दान करने के लिए सहमति दी है.