इंदौर। कोरोना का सख्ती से पुलिस पालन करवा रही है. लेकिन इस दौरान कर्फ्यू के दौरान भी अलग तस्वीर सामने आ रही है. इसी कड़ी में एक बच्चे का फल बेचते हुए वीडियो सामने आया था. जिसके बाद इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच कराई और पूरे मामले की जांच होने के बाद जो हकीकत सामने आई वह काफी राहत भरी थी. पुलिस ने संबंधित बच्चे और उसके पिता की आर्थिक रूप से मदद की.
कोरोना काल में बंद हुआ सर्विस सेंटर तो बेचने लगा फल
फल बेचते बच्चों की तश्वीर कि जब पड़ताल की गई तो बाद में मासूम के पिता की पुलिस अधिकारियों ने की मदद. पुलिस ने उनके घर राशन घर पहुंचाया. दरअसल एक वीडियो में इंदौर में दो मासूम बच्चे फल बेचते हुए नजर आ रहे थे. बच्चों को फल बेचने की खबर पर प्रशासन ने भी संज्ञान लिया और पड़ताल शुरू की. सुबह होते ही प्रशासन के अधिकारी उस जगह पहुंचे जहां बच्चे बेच रहे थे. जब मामले की पड़ताल की गई दो बच्चे फल बेच रहे थे. पुलिस को बाद में पता चला कि बच्ची का नाम हिमाक्षी है. पड़ताल में पता चला की हिमाक्षी आईपीएस मैन कैंपस राऊ में चौथी कक्षा में पढ़ती है. उसके पिता का नाम नीरज विश्वकर्मा है. जबकि बच्ची के पड़ोस में रहने वाले राधेश्याम पाटिल के बेटे आयुष के साथ खेलती है, राधे श्याम पाटिल पहले सर्विस सेंटर पर काम करता था, लेकिन कोरोना काल में सर्विस सेंटर बंद हो गया, तो वह फल बेचने लगा.
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