इंदौर।फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति लेने वाले अधिकारी संतोष वर्मा 2 दिन की पुलिस रिमांड पर है. मामले में पूछताछ का दौर शुरू है. पुलिस ने नकली आवेदन निकालने के दौरान कोर्ट से जुड़े जो भी लोग संतोष वर्मा के संपर्क में रहे उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया. सभी के हस्ताक्षर के नमूने भी लिए गए हैं ताकि पता चल सके कि आदेश बनाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस ने जिस जज के नाम पर यह पूरा फर्जीवाड़ा हुआ है, उन्हें भी जांच के लिए बुलाया. साथ ही DPO (जिला अभियोजन अधिकारी) के बयान भी लिए हैं. हालांकि अभी तक कोई पुख्ता सबूत पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. पूछताछ का दौर लगातार जारी है.
2 दिन की पुलिस रिमांड पर संतोष वर्मा कॉल डिटेल्स के आधार पर जांच
मामले में पुलिस लगातार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है. आरोपी IAS अधिकारी संतोष वर्मा की कॉल डिटेल्स भी निकाली जा रही है. कई तथ्य भी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनकी जांच पड़ताल जारी है. दूसरी तरफ कॉल डिटेल्स के आधार पर जो भी आईएएस अधिकरी से जुड़े हुए पाए गए हैं, उनको बयान के लिए बुलाया जा रहा है.
कोर्ट से जुड़े कई लोगों के बयान दर्ज
कॉल डिटेल्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट से जुड़े हुए DPO मोहम्मद अकरम शेख सहित आधा दर्जन लोगों के बयान दर्ज किए हैं. सभी के हस्ताक्षर के नमूने भी लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा गया है. इसके अलावा जिस जज के नाम पर यह पूरा फर्जीवाड़ा हुआ है, उनको भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया. पुलिस का कहना है कि जांच के आधार पर आगे भी जज समेत अन्य कोर्ट के लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा आरोपी
मामले में आरोपी अधिकारी संतोष वर्मा से एसपी स्तर के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. लेकिन संतोष वर्मा पूछताछ में कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि सवालों से बचते नजर आ रहे हैं. जिस वजह से पुलिस इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और कॉल डिटेल के आधार पर जांच पड़ताल में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी भी मॉनिटरिंग में लगे हुए हैं. मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है.
निलंबन को लेकर हुआ पत्राचार
आरोपी अधिकारी के निलंबन को लेकर पत्राचार भी पुलिस द्वारा किया गया है. बता दें, भोपाल से एक पत्र इंदौर पुलिस के पास आया था, पत्र में विभिन्न तरह की जानकारी अधिकारियों ने मांगी थी. जिसके बाद इंदौर पुलिस ने इस पूरे मामले में पत्राचार कर दिया है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही अधिकारी को निलंबित भी किया जा सकता है.
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ऐसी है आरोपी अधिकारी की पर्सनल लाइफ
फर्जी आदेश पर प्रमोशन पाने वाले मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस संतोष वर्मा, राज्य प्रशासनिक सेवा में आने के पहले रीवा में सांख्यिकी अधिकारी थे. वहां एक कामवाली बाई से उन्हें प्रेम हो गया और उससे शादी करके खूब वाहवाही लूटी. डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद संतोष वर्मा ने दो शादियां और की, इससे भी संतुष्ट नहीं हुए तो हरदा की एक लड़की को प्रेम जाल में फंसा लिया.
बताया जा रहा है कि इस लड़की पर संतोष वर्मा ने लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किए थे, लेकिन बाद में शादी से इनकार कर दिया. जिसके बाद हरदा की इसी लड़की ने अधिकारी संतोष वर्मा की सारी पोल खोल दी, और उन्हें जेल तक पहुंचा दिया. बाद में न्यायालय के आदेश पर संतोष वर्मा आईएएस बने, उसमें कई दिग्गजों की मिलीभगत की संभावना जताई जा रही है. मुखबिरों का कहना है कि इस फर्जी आदेश के लिए भी संतोष वर्मा ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बांटे थे.