इंदौर। शहर के कांग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल के अनुरोध पर एक दिन की शिव कथा करने पहुंचे प्रसिद्ध कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने सनातन से लेकर देश का नाम भारत रखने को लेकर अपनी बात रखी. एक दिन चली इस कथा में बड़ी तदाद में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे. समापन के बाद बंगाली चौराहा रिंग रोड से कनाडिाया चौराहे तक लंबा जाम लग गया. बता दें, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन कनाड़िया रोड के पास बने प्रेमबंधन गार्डन में हुआ.
देश का नाम भारत या इंडिया:पंडित प्रदीप मिश्रा ने भारत और इंडिया के सवाल पर कहा कि देश का नाम भारत में शुरु से प्रसिद्ध था. लेकिन अंग्रेजों को भारत बोलने में मुश्किल होती थी. इसलिए उन्होंने इसका नाम इंडिया कर दिया. लेकिन देश का वास्तविक नाम भारत ही है. इस नाम पर हमें गर्व और सम्मान महसूस करना चाहिए.
स्टालिन को दी जनता का कल्याण करने की नसीहत:इसके अलावा पंडित मिश्रा ने सनातन पर दिए तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन के बयान पर एक बार फिर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में भी सनातन का साथ जरूरी है. सनातन धर्म से अलग होने से हमारी संस्कृति और शिक्षा भी प्रभावित हो रही है. यदि कोई सनातन धर्म को कोरोना डेंगू या मलेरिया कह रहा है, तो उनसे पहले पूछा जाएगा कि पिता का नाम, माता जी का नाम, दादाजी का नाम और परदादादजी का नाम पूर्व में क्या था. क्योंकि जितने धर्म निकले, वे सनातन धर्म से ही निकले हैं.
जो सनातन धर्म को डेंगू कह रहे हैं, तो वो खुद भी डेंगू की औलाद हैं, और कोरोना कह रहे हैं, तो खुद कोरोना की औलाद हैं. यह तो उनपर निर्भर करता है कि वह अपने बाक किस लेवल तक लेकर जा सकते हैं. हम किसी को सजा नहीं दे सकते क्योंकि हम इतने बड़े नहीं हैं. इतना जरूर कहा जा सकता है कि यदि उन्हें राज्य सत्ता मिली है तो वह सत्ता और वैभव का उपयोग करते हुए अपनी वाणी से किसी का दिल ना दुखाएं और सबका कल्याण करें.