इंदौर। पटेल नगर में मौजूद बेलेश्वर महादेव मंदिर में रामनवमी के दिन मंदिर के अंदर बनी बावड़ी की स्लैब धंस जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई. इस पूरे ही मामले में जहां मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है तो वहीं बावड़ी को लेकर कई तरह की बातें भी सामने आ रही हैं. सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी का कहना है कि ''सन 1972 के आसपास भी इस बावड़ी में एक हादसा हुआ था और उसमें एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि क्षेत्र में ही एक स्कूल में पढ़ने वाले राजू श्रीनिवासन नामक एक बच्चे की इस बावड़ी में डूबने के कारण मौत हो गई थी. उसके बाद बावड़ी के आसपास सुरक्षा के तहत कुछ लगा दिया गया था लेकिन अचानक उस पर स्लैब डाल दी गई जो कि नियमों के खिलाफ है.'' उन्होंने कहा कि किसी भी कुएं और बावड़ी पर स्लैब डालकर ढका नहीं जा सकता है, लेकिन जिस भी व्यक्ति ने इस तरह का कार्य किया है वह काफी गंभीर है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.''
एक और मामले के लिए काफी चर्चित है बावड़ीः वहीं यह बावड़ी का एक और मामले के लिए काफी चर्चित है. बता दें कि तकरीबन 10 से 15 साल पहले क्षेत्र में दहेज को लेकर भूमि रामचंदानी की हत्या उसकी सास ने कर दी थी, भूमि के बॉडी के शरीर के टुकड़े कर पोटली भी इसी बावड़ी के आस पास फेंक दी गई थी. उस समय वहां के रहवासियों ने बावड़ी के आसपास बुरी आत्मा की बात कहते हुए पूजा-पाठ करवाने की बात कही थी. उसके बाद बावड़ी के आसपास मंदिर का निर्माण कर दिया. फिलहाल इंदौर में कई ऐसी बावड़ियां और कुएं है जहां पर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर दिए गए. वहीं अब प्रशासन जांच की बात कर उन कुएं और बावड़ियों को निकालने की बात कर रहा है.