इंदौर। भारतीय प्रबंध संस्थान यानी आईआईएम इंदौर ने अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश (वॉटर, सैनिटेशन और हाइजीन - जल, स्वच्छता और सफाई) पर केन्द्रित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, अन्वेषण के पहले बैच की शुरुआत सोमवार को की गई. आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने बैच का उद्घाटन किया. इस अवसर पर इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव विशेष अतिथि रहे. इस मौके पर आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमांशु राय ने संबोधित करते हुए जनभागीदारी के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सहयोगात्मक भागीदारी के माध्यम से इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपना स्थान बनाए रखने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि सफलता की कुंजी सहयोग में निहित है और प्रतिभागियों से हंसों से सीखने का आग्रह किया.
इंदौर देशभर में स्वच्छता में नंबर वनः इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि ठआज से कुछ समय पहले तक शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) का निर्माण मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे शिक्षा औद्योगिकीकरण और संसाधन प्रबंधन पर ही केन्द्रित था. लेकिन स्वच्छ भारत मिशन से इस मानसिकता में बदलाव आया है. उन्होंने स्वच्छता और विकास में इंदौर की सफलता का उदाहरण देते हुए विचार प्रक्रिया में बदलाव की सराहना की. इंदौर जो कभी 47वें स्थान पर था, अब छह साल से लगातार स्वच्छता में शीर्ष स्थान पर है. यह सब व्यवहार परिवर्तन के कारण ही संभव हुआ है. अपने शहर के बारे में लोगों के सोचने के तरीके में यह बदलाव नागरिकों को नियमों का पालन करने और योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक रहा है.