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Indore News: इंजीनियरिंग कॉनक्लेव में कृषि, उद्योग और टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर गंभीर मंथन, भविष्य की चुनौतियों से निपटने पर जोर

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 6, 2023, 4:09 PM IST

इंदौर के राजा रमन्ना प्रगत प्रोद्यौगिकी केंद्र में चल रही कांफ्रेंस में कई विषयों पर मंथन हो रहा है. विशेष कर कृषि व औद्योगिक क्षेत्र की चुनौतियां पर चर्चा हो रही है. कांफ्रेंस का मूल उद्देश्य भारत देश को वर्ष 2047 तक विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कराना है.

Indore Engineering Conclave
इंजीनियरिंग कॉनक्लेव में कृषि, उद्योग और टेक्नोलॉजी पर गंभीर मंथन

इंदौर।राजा रमन्ना प्रगत प्रोद्यौगिकी केंद्र आरआर कैट में तीन दिवसीय इंजीनियरिंग कॉनक्लेव 2023 का शुभारंभ हुआ. इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित इस वार्षिक कॉनक्लेव में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो रही है. शुभारंभ कार्यक्रम में यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार, होमी भाभा नेशनल इंस्टिट्यूट के कुलपति डॉ.अनिल काकोडकर, परमाणु ऊर्जा विभाग के चेयरमैन केएन व्यास, आईएनएई अध्यक्ष प्रो इंद्रनील मन्ना, डॉ केएन व्यास सहित कई विशिष्ट लोग शामिल हुए.

विशेषज्ञ इंजीनियर पहुंचे :रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग लेजर इन डिफेंस टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर चर्चा हुई. कॉनक्लेव में देश के ख्यात इंजीनियर विषय विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं जो अलग-अलग सेशन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा पैनल डिस्कशन कर रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से लेजर मटेरियल प्रोसेसिंग टेक्निक रिन्यूएबल एनर्जी इंजिनियरिंग लेजर इन डिफेंस टेक्नोलॉजी ग्रीन टेक्नोलॉजी फॉर मटेरियल प्रोडक्शन मैन्युफैक्चरिंग जैसे विषयो पर चर्चा होगी. शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार शामिल हुए. जिन्होंने सोशल कैपिटल लोकल एंटरप्रिनियरशिप सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा की.

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कृषि व उद्योग क्षेत्र में कई चुनौतियां :यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कॉनक्लेव के व्यापक विषयों से अलग सोशल कैपिटल पर बात की. उन्होंने कहा कि कृषि और इंडस्ट्रियल सेक्टर में काफी बदलाव आए हैं और भारत में इन सेक्टर में काफी काम हो रहा है. कई चुनौतियां हैं, इसलिए कई विकल्पों पर एक साथ काम हो रहा है. होमी भाभा नेशनल इंस्टिट्यूट के कुलपति डॉ.अनिल काकोडकर ने कहा कि ट्रेंड देखें तो विकसित देशों में मैन्युफैक्चरिंग के तरीके बदल गए हैं. अब रिसर्च आधारित मैन्युफैक्चरिंग हो रही है. इस आयोजन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और आईआईटी इंदौर भी सहयोगी हैं.

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