इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने वाला इंदौर नगर निगम इन दिनों वित्तीय संकट से जूझ रहा है. आलम ये है कि भुगतान के अभाव में जहां ठेकेदार शहर का विकास कार्य बंद कर हड़ताल कर रहे हैं, वहीं सफाई के काम में लगे अधिकारी व कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने वर्तमान हालातों के लिए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
वित्तीय संकट में इंदौर! निगमकर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन, 90 करोड़ बिजली का बिल बाकी - Former Mayor Malini Gaur
इंदौर नगर निगम इस दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिस पर पूर्व महापौर मालिनि गौड़ का कहना है कि सरकार के पास विकास कार्योंं का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च कर IIFA अवार्ड कराने जा रही है.
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पूर्व महापौर ने कहा कि सरकार के पास विकास कार्यों का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन वह करोड़ों रुपए खर्च कर IIFA अवार्ड कराने जा रही है. ऐसी स्थिति में शासन की ओर से इंदौर के विकास कार्यों का भुगतान जल्द नहीं किया गया तो नगर निगम की पूर्व महापौर को नगर निगम के हक की राशि प्राप्त करने के लिए सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ेगा.
गौड़ के अनुसार कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में क्षतिपूर्ति की राशि 45 करोड़ से घटकर 31 करोड़ कर दी गई है, जिसका भुगतान 3 महीने से नहीं किया गया है. फिलहाल ये राशि कर्मचारियों का वेतन और बिजली का बिल भरने के लिए खर्च किया जा रहा है, इसके बावजूद भी नगर निगम पर बकाया बिजली बिल की राशि 90 करोड़ हो चुकी है.