इंदौर।10 साल पुराने एक मामले में हाई कोर्ट की इंदौर ब्रांच ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला पलट दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कई और आदेश देते हुए आरोपी की रिहाई के आदेश दिए हैं. साथ ही पूरे मामले में एक बार फिर जांच के निर्देश भी पुलिस को दिए हैं.
रिपोर्ट बनाते वक्त सो गए थे जांच अधिकारी- इंदौर हाई कोर्ट ने 10 साल पुराने एक मामले में बलात्कार और हत्या की सजा को पलट दिया है. जांच अधिकारी के खिलाफ फॉरेंसिक परीक्षण नहीं करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. वहीं हाई कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि जांच पड़ताल के दौरान जांच अधिकारी फॉरेंसिक रिपोर्ट पर सो गए थे. कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए 10 साल से सजा काट रहे आरोपी की रिहाई के भी आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य को वापस लेने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी दिए हैं. वही कोर्ट ने अपीलकर्ता को गिरफ्तार करने और सबूत जब्त करते समय जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट बनाते समय सो जाने पर जांच अधिकारी को फटकार भी लगाई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी लिखा कि जांच अधिकारी द्वारा डीएनए प्रोफाइलिंग करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए थे. जिससे न केवल अपीलकर्ता के साथ बल्कि मृतक के साथ भी अन्याय हुआ है. जिसका प्रार्थी कभी पकड़ा नहीं गया या आज मुक्त हो गया. आरोपी को कोर्ट ने रिहा किया है. वह मृतक का सौतेला बेटा था और अपराध के चलते 10 साल से जेल में बंद था.