इंदौर। प्रदेश के कई जिलों में जहां भीषण गर्मी में तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने को है. वहीं, जंगलों में भी वन्य पशु पक्षियों को भी पानी की तलाश में जहां-तहां भटकना पड़ रहा है. इन हालातों में राष्ट्रीय पक्षी मोर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए इंदौर में अब वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. दरअसल वन विभाग ने हर साल हीटवेव का शिकार होने वाले मोरों को इस बार भरपूर पानी के साथ ग्लूकोस उपलब्ध कराने के लिए वन्य क्षेत्र के 140 स्थानों पर पानी के कुंडे भर कर रखना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं कुछ कुंडे में ग्लूकोस मिलाया जा रहा है जिससे कि मोरों को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके.
गर्मी से हो चुकी है कई मोरों की मौत: दरअसल इंदौर के रालामंडल वन क्षेत्र के अलावा रेसीडेंसी कोठी, नवरतन बाग, रतलाम कोठी, आईजी बंगला, फूटी कोठी, स्वदेशी मिल परिसर, बिजासन मंदिर परिसर, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, दिल्ली कॉलेज, सिमरोल, जानापाव, टिल्लोर, महू, मानपुर एवं चोरल रेंज में बड़ी संख्या में मोर पाए जाते हैं. इसके अलावा शहर से सटे रालामंडल अभ्यारण में ही करीब 400 से ज्यादा मोर मौजूद हैं. जिन्हें भीषण गर्मी में कई बार डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है. विगत वर्षों में इंदौर के कई इलाकों में मोरों की गर्मियों में मौत हो चुकी है. जिससे बचाव के लिए अब जिला वन मंडल अधिकारी कार्यालय के निर्देश पर जिले की सभी फॉरेस्ट रेंज में अब मोरों के लिए दाना पानी मुहैया कराया जा रहा है.