इंदौर। वर्ष 2020 में जहां कोरोना महामारी को लेकर दुनिया भर में चर्चा में रही, वहीं इस साल प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक राजनीति में कई उलटफेर देखने को मिले. मालवा निमाड़ के सबसे प्रमुख शहर इंदौर की बात की जाए तो यहां भी सत्ता परिवर्तन के साथ ही सरकार में इंदौर का दबदबा सिमट सा गया है. फिलहाल इंदौर से सरकार में कोई भी मंत्री नहीं है, जबकि कांग्रेस की सरकार में इंदौर से तीन मंत्री थे.
घट गया सत्ता और शासन में इंदौर का दबदबा
इंदौर के इस साल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर गौर किया जाए तो साल के शुरुआती 2 महीनों में कांग्रेस की सरकार के रहते सरकार में इंदौर का खासा दबदबा रहा, यहां कमलनाथ सरकार से सज्जन सिंह वर्मा, तुलसी सिलावट और जीतू पटवारी मंत्री रहे, जिन्होंने प्रदेश भर में इंदौर का दबदबा सत्ता और शासन में बनाए रखा. लेकिन मार्च के बाद सरकार के बदलते ही सिंधिया खेमे से मंत्री पद सिर्फ तुलसी सिलावट के हिस्से में आया, हालांकि उपचुनाव के बाद तुलसी सिलावट को भी मंत्री पद का इंतजार है. इधर अंचल से उषा ठाकुर को मंत्री पद मिला, लेकिन महू विधानसभा क्षेत्र धार जिले में आने के कारण उन्हें इंदौर का प्रतिनिधित्व नहीं माना जा रहा है, फिलहाल इंदौर से रमेश मेंदोला मंत्री पद के अलावा महापौर पद के दावेदारों में से एक हैं.