इंदौर।जो न तो प्रचार का शोर सुन सकते हैं न ही बोलकर नेताओं से अपनी समस्याएं साझा कर सकते हैं. लेकिन ऐसे तमाम दिव्यांग, दृष्टिहीन मतदाता भी लोकतंत्र में एक-एक वोट की कीमत समझते हैं. यही वजह है कि अब दिव्यांग युवा और बच्चे संकेत की भाषा यानी साइन लैंग्वेज में अन्य लोगों से वोट की अपील करते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं जो बच्चे देख नहीं सकते उन्होंने इस बार अन्य बच्चों को मतदान का महत्व समझाने के लिए ब्रेल लिपि में मतदान की अपील तैयार की है. जो मताधिकार कर सकने वाले दिव्यांग युवाओं के बीच लोकतंत्र और भारत निर्वाचन आयोग की आवाज को पहुंचाएगी.
मतदाताओं को घर से ही वोटिंग की सुविधा:दरअसल इंदौर में बड़ी संख्या में मूक बधिर, दिव्यांग और दृष्टिहीन मतदाता हर साल अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं. इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे तमाम मतदाताओं को घर से ही वोटिंग की सुविधा प्रदान की है, यही सुविधा बुजुर्गों को भी दी गई है. लेकिन इसके बावजूद जो दिव्यांग और दृष्टिहीन चुनाव प्रचार को न देख पाएंगे ना सुन सकेंगे वह भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें उनके लिए भी आयोग ने सुविधा प्रदान की है.
मतदान की शपथ:आज स्वीप एक्टिविटी के इंदौर में वोटिंग को त्यौहार के रूप में मनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त अजय दादू समेत मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन, इंदौर कलेक्टर समेत तमाम अधिकारियों के मौजूदगी में ऐसे तमाम मतदाताओं ने न केवल मतदान की शपथ ली, बल्कि इशारों की भाषाओं में अन्य लोगों के लिए मताधिकार का अत्यावशक प्रयोग करने का संदेश भी दिया.