इंदौर।देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Indore Devi Ahilya University) से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां जिस छात्रा ने परीक्षा नहीं दी उसका भी परिणाम विश्वविद्यालय ने घोषित कर दिया है. हद तो तब हो गई जब छात्रा की उत्तर पुस्तिका भी विश्वविद्यालय में रोल नंबर के साथ मिली है.(Indore Devi Ahilya University Answer Sheet ) यह पूरा मामला देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोविंद सिंह महाविद्यालय (Guru Gobind Singh College indore) के एलएलबी (LLB) के द्वितीय वर्ष का है. बताया गया कि, छात्रा निकिता चलोत्रे कई वर्ष पहले महाविद्यालय छोड़ चुकी है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रबंधन पूरे मामले में जांच की बात कह रहा है.
महाविद्यालय छोड़ चुकी छात्रा का परीक्षा परिणाम जारी मामले की जांच जारी:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्धता रखने वाले गुरु गोविंद सिंह महाविद्यालय की एक छात्रा जो सालों पूर्व महाविद्यालय छोड़ चुकी है. उसका परीक्षा परिणाम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा जारी कर दिया. (Indore Devi Ahilya University Exam Result) दरअसल मामला एलएलबी के द्वितीय वर्ष से जुड़ा है. महाविद्यालय की छात्रा निकिता चलोत्रे पूर्व में ही महाविद्यालय छोड़ चुकी है, लेकिन उसके रोल नंबर पर फिर से परीक्षा दे दी गई. मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है.
गलती नहीं पकड़ पाया विश्वविद्यालय:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी को विश्वविद्यालय से एक शिकायत सामने आई थी. जिसमें बताया गया था कि, 1 छात्रा द्वारा गलत रोल नंबर पर परीक्षा दी गई है. मामले की जांच की गई तो सामने आया कि, गुरु गोविंद सिंह महाविद्यालय की छात्रा निकिता चलोत्रे द्वारा ऐसे रोल नंबर पर परीक्षा दी गई है. जो छात्रा कुछ समय पूर्व ही महाविद्यालय छोड़ चुकी है. जांच के दौरान छात्रा के दस्तावेज बुलाए गए और उनकी जांच की गई.
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परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान हुई गड़बड़ी: मामले में परीक्षा के दौरान छात्रा के प्रवेश पत्र की जांच के सवाल को लेकर डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि, जांच के दौरान सामने आया कि, छात्रा द्वारा रोल नंबर भरने के दौरान त्रुटि हुई थी. छात्रा जिस महाविद्यालय में अध्ययन करती है. वहां की सभी प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम से की जाती है. ऐसे में छात्रा द्वारा परीक्षा फॉर्म के दौरान गलत रोल नंबर अंकित कर दिया गया था. जिसके आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश पत्र जारी किया गया और उसी आधार पर उसका परीक्षा परिणाम जारी किया गया. मामला सामने आने के बाद छात्रा की अंकसूची में दर्ज रोल नंबर को परिवर्तित किया जा रहा है. महाविद्यालय को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है.