Indore Crime News: प्राचार्य अग्निकांड जघन्य अपराधों की श्रेणी में शामिल, केस में निगरानी अधिकारी नियुक्त
इंदौर के दिल दहलाने वाले अग्निकांड को पुलिस ने जघन्य अपराध की श्रेणी में शामिल किया है. इस घटनाक्रम में एक पूर्व छात्र ने कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. इस केस का फैसला आने तक निगरानी के लिए एक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है.
प्राचार्य अग्निकांड जघन्य अपराधों की श्रेणी में शामिल, केस में निगरानी अधिकारी नियुक्त
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Published : Feb 23, 2023, 6:59 PM IST
इंदौर।मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र के कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर जलाने के मामले में पुलिस लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अपराध को चिन्हित अपराधों की श्रेणी में शामिल किया है. इस मामले में जल्द से जल्द जांच कर कोर्ट के समक्ष चार्जशीट लगाकर फॉस्टट्रैक कोर्ट में मामले को चलाकर आरोपी को सख्त सजा दिलाने की योजना पुलिस बना रही है.
पुलिस जल्द विवेचना खत्म कर चालान पेश करेगीः कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर आग लगाने वाले आरोपी अभिजीत श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस हर एंगल से जांच करने में जुटी हुई है. एसपी भगवंती सिंह विर्दे के द्वारा बताया गया कि इस पूरे घटनाक्रम को जघन्य अपराध की श्रेणी में लिया गया है. इसमें पुलिस जल्द से जल्द विवेचना खत्म करके चालान पेश करेगी. इसके साथ ही कोर्ट से भी अनुरोध किया जाएगा कि वह इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई कर फैसला सुना दे. साथ ही जिस तरह से यह पूरा घटनाक्रम सामने आया उसको देखते हुए चालान पेश करने के बाद भी इस मामले में एक अधिकारी लगातार निगरानी रखेगा. जिसमें वह अधिकारी यह देखेगा कि समय पर गवाह कोर्ट आ रहे या नहीं. वह अपना बयान दर्ज करवा रहे हैं या नहीं.
प्राचार्य की हालत अभी स्थिरःइसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि इस दौरान कोई गवाह बदलने के लिए दबाव तो नहीं बना रहा. इन सभी बातों पर उक्त निगरानी अधिकारी नजर रखेगा. इस केस में प्रिंसिपल विमुक्त शर्मा की हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है. वहीं पेट्रोल डालकर आग लगाने वाले आरोपी अभिजीत श्रीवास्तव की हालत में कुछ सुधार हुआ है. अब उसे हॉस्पिटल से छुट्टी करवाकर पुलिस प्रारंभिक तौर पर उससे पूछताछ करेगी. उसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा. यहां कोर्ट से उसका रिमांड पुलिस के द्वारा मांगा जाएगा. प्रारंभिक तौर पर यह बात भी सामने आ रही है कि आरोपी अभिजीत श्रीवास्तव के डर के कारण कॉलेज की प्राचार्य एवं प्रोफेसर ने सिमरोल थाने पर तकरीबन 4 से अधिक बार शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया और किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया था.
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पूर्व शिकायतों पर पुलिस ने नहीं दिया था ध्यानः जांच पड़ताल में यह भी बात सामने आई कि फाइनल ईयर में पांच विषयों में फेल छात्र अपनी मार्कशीट को लेकर आए दिन प्रोफेसर और प्राचार्यो को धमकाता था. 2021 और 2022 के बीच में विमुक्ता शर्मा प्राचार्य, प्रोफेसर उमेश और प्रोफेसर विजय पटेल भी छात्र के खिलाफ अलग-अलग समय पर सिमरोल थाने जाकर 4 बार लिखित शिकायत दे चुके थे. वह उनके साथ मारपीट फोन पर धमकी और कॉलेज में घुसकर हंगामा करता है. इसके बाद भी पुलिस ने इस पूरे मामले में गंभीरता नहीं दिखाई थी जिसके चलते उक्त छात्र ने इस तरह की घटना को अंजाम दे दिया.