संस्था की संचालिका चंचल सलारिया इंदौर। जिले में महिला सम्बन्धी अपराध के ग्राफ में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इसी कड़ी में एक मानसिक एवं शारीरिक रूप से अक्षम नाबालिग बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई है. फिलहाल पूरे ही मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है और जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
4 साल पहले संस्था में नाबालिग को था छोड़ा:ये मामला इन्दौर के विजय नगर थाना क्षेत्र का है. जहां एक संस्था में रहने वाले एक नाबालिग बच्ची जो शारीरिक व मानसिक रूप तो अक्षम होने के साथ ही मूकबधिर भी है, उसके साथ रेप की घटना घटित हुई. बता दें कि नाबालिक को तकरीबन 4 साल पहले ही रहने के लिए परिजनों ने संस्था में छोड़ा था. लेकिन पिछले दिनों बच्ची को शरीर में कुछ परेशानी हुई तो संस्था ने उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया. लेकिन कुछ दिनों बाद ठीक होने के बाद परिजन बच्ची को वापस संस्था में छोड़ गए.
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बच्ची के शरीर में बदलाव होने से सामने आया मामला:इसी दौरान नाबालिग बच्ची के शरीर में लगातार बदलाव होते हुए नजर आए. इसके बाद परिजनों ने उसका मेडिकल ट्रीटमेंट करवाया और इसी दौरान इस बात की जानकारी लगी कि बच्ची प्रेग्नेंट हो गई. रिपोर्ट में पता चला कि नाबालिक बच्ची 6 महीने की गर्भवती हो गई. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की पुलिस को शिकायत की और पुलिस ने पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि बच्ची के परिजन काफी गरीब है और उसी के चलते उन्होंने बच्ची को संस्थान में रहने के लिए छोड़ा था. लेकिन अचानक जिस तरह से बच्ची के साथ यह हरकत हुई, उससे संस्थान की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
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साइन लेंग्वेज विशेषज्ञ ने बच्ची से की पूछताछ: मामला सामने आने पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है, वहीं, बच्ची के बयान के लिए साइन लेंग्वेज विशेषज्ञ मोनिका पुरोहित को भी पुलिस ने बुलाया है. साइन लेंग्वेज विशेषज्ञ ने काफी बारीकी से बच्ची से पूछताछ की और उन्ही बयानों के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह गुज्जर ने बताया कि 'अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है''. साथ में कहा कि बच्ची के साथ घिनौनी हरकत कहां पर घटित हुई, इसके बारे में बारीकी से जांच की जा रही है.
संचालिका ने कहा बच्ची के पीरियड नहीं आने पर परिजनों को दी सूचना: वहीं, इस पूरे मामले में संस्था की संचालिका चंचल सलारिया का कहना है कि ''पिछले कुछ दिनों से बच्ची को पीरियड नहीं आ रहे थे, जिसके बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई. परिजन कई बार बच्ची को किडनी व अलग तरह की बीमारियों के बारे में जानकारी दे चुके थे. अतः जब बच्ची को पीरियड नहीं आये तो उन्हें बुलाकर पूरे मामले में जानकारी दी गई और शंका होने पर उसे बाहर के डॉक्टर को दिखाने का बोला गया, जिसके बाद परिजन बच्ची को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे, जब जांच पड़ताल की तो प्रेग्नेंट होने की पुष्टि सामने आई है''. वहीं, संचालिका का कहना है कि संस्था काफी पुराना है और यहां पर इस तरह से कई और बच्चे भी रहते है. वहीं, पूरे मामले में पुलिस ने संस्थान के रिकॉर्ड की भी तफ्तीश की है कि यहां पर बच्ची कब आई और वह किन लोगों के साथ यहां पर रहती थी. संस्थान में भी किन-किन लोगों का आना जाना लगा रहता था. इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.