इंदौर।जिला कोर्ट ने एक 20 साल पुराने मामले में आज फैसला सुनाते हुए फायर ब्रिगेड के एसपी को 3 वर्ष की सजा से दंडित किया है. पूरा मामला गलत जानकारी देकर पद प्राप्त करने से संबंधित था. जिसमें EOW ने प्रकरण दर्ज कर मामले में कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया था. कोर्ट ने इस सुनवाई के बाद रिटायर्ड एसपी को उक्त सजा से दंडित किया है. पूरा मामला इंदौर की जिला कोर्ट लंबा चला था.
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एसपी, फायर ब्रिग्रेड में पदस्थ थेः बताया जा रहा है कि एसपी फायर ब्रिगेड में पदस्थ थे. उन्होंने फायर ब्रिगेड में यह पद अपनी फर्जी डिग्री की माध्यम से लिया था। जिसकी शिकायत उनके ही अधीनस्थ रहे एक अधिकारी राम सिंह निगवाल ने EOW को की थी. ईओडब्ल्यू ने 2013 में इस पूरे मामले में चालान कोर्ट के समक्ष पेश किया और जांच पड़ताल शुरू की थी. इस दौरान ईओडब्ल्यू को यह जानकारी मिली की बीएस टोंगर ने फायर ब्रिगेड में एसपी के पद के लिए जिन डिग्रियों का प्रयोग किया वह नागपुर के एक कॉलेज की हैं. उन्होंने नागपुर के कॉलेज की फायर इंजीनियरिंग की फर्जी डिग्री लगाकर यहां पद प्राप्त किया था. अतः इस मामले में ईओडब्ल्यू ने रिटायर्ड एसपी बीएस टोंगर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया और विभिन्न तरह के साक्ष्य इकट्ठा कर कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया.
कोर्ट ने लगाया 12 हजार का आर्थिक दंडःइस मामले में कोर्ट ने विभिन्न तरह के तर्कों से सहमत होते हुए रिटायर्ड एसपी बीएस टोंगर को 3 साल की सजा के साथ ही प्रति धारा 2000 के अनुसार कुल 12000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बता दें इस पूरे मामले में आरोपी रिटायर्ड एसपी बीएस टोंगर के खिलाफ धारा 420 ,467 ,468 ,471 ,201 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. कोर्ट ने प्रत्येक धारा के हिसाब से 2000 का दंड भी लगाया है. इस केस की सुनवाई विशेष अदालत एवं सत्र न्यायाधीश संजय गुप्ता की कोर्ट में हुई थी. इसमें EOW के द्वारा जो भी साक्ष्य कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए उसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को सख्त सजा से दंडित किया है.
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EOW ने 2013 में पेश किया था चालानः बता दें ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले में 2013 में कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया था. उसके बाद से लगातार कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और तकरीबन 20 साल बाद इस पूरे मामले में कोर्ट ने आज तर्को से सहमत होते हुए रिटायर्ड एसपी को 3 साल की सजा की सजा के साथ अर्थदंड भी लगाया है. ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले में तकरीबन 29 से अधिक गवाहों को भी कोर्ट के समक्ष उपस्थित किया और उन्हीं गवाहों के आधार पर ही एसपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक पदमा जैन के मुताबिक पूरे ही मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर आरोपी को सख्त सजा से दंडित किया है.